यह सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि पटना में छात्र आरजेडी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें तेज प्रताप यादव मुख्य अतिथि थे. तेज प्रताप छात्र आरजेडी के संरक्षक भी हैं. लेकिन पोस्टर से तेजस्वी की तस्वीरें गायब थीं.
आरजेडी की इस बैठक में पूरे प्रदेश से छात्र आरजेडी के पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष और विश्वविद्यालय अध्यक्ष भी शामिल हुए. कार्यक्रम के लिए आरजेडी दफ्तर में छात्र आरजेडी की तरफ से बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगाए गए थे. इसमें तेज प्रताप के साथ-साथ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भी जगह दी गई थी.
वहीं, पोस्टर में छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को भी जगह मिली थी, मगर चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पोस्टर से आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बाहर रखा गया. यानी कि इस पोस्टर में तेजस्वी यादव की तस्वीर को नहीं लगाया गया.
ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या दोनों भाई तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच में कोई वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, जिसकी वजह से छात्र आरजेडी के संरक्षक तेजप्रताप ने पोस्टरों से तेजस्वी को आउट कर दिया? हालांकि, इस बीच तेज प्रताप यादव ने मीडिया के सामने इस तरह की लड़ाई की बातों से इनकार कर दिया है.
पूरे विवाद पर तेज प्रताप यादव ने कहा, ”तेजस्वी मेरे दिल में हैं. होर्डिंग और पोस्टर से क्या होता है? तेजस्वी मेरे अर्जुन हैं और होने वाले मुख्यमंत्री हैं.”