नई दिल्ली। D-Mart के मालिक राधाकिशन दमानी दुनिया के 100 अमीरों में शामिल हो गए. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में वह 98वें नंबर पर हैं. 12वीं पास राधाकिशन ने अपनी मेहनत से 35 साल में कंपनी का नेटवर्थ 1.42 लाख करोड़ रुपये पहुंचा दिया. हमेशा सपेद रंग का कपड़ा पहनने की वजह से लोग इन्हें ‘मिस्टर व्हाइट एंड व्हाइट’ भी बुलाते हैं.
80 के दशक में शेयर मार्केट में 5000 रुपये के साथ उतरे दमानी की नेटवर्थ आज 1.42 लाख करोड़ रुपये है. शेयर बाजार के बिग बुल माने जाने वाले राकेश झुनझुनवाला भी इन्हें अपना गुरु मानते हैं.

साल 1985-86 में उनके पिता शिवकिशन दमानी की मौत के बाद उन्होंने बॉल बेयरिंग का बिजनेस बंद कर दिया. पिता शेयर ब्रोकर भी थे तो उन्हें बचपन से ही मार्केट की थोड़ी समझ थी. उन्होंने पूरा फोकेस मार्केट पर किया और इसमें उन्हें साथ मिला भाई गोपीकिशन का. 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी.

दमानी ने साल 1999 से पहले शेयर मार्केट से दुरी बना ली थी. वह रिटेल कारोबार में उतर गए. मुंबई के नेरूल बाजार की एक फ्रेंचाइजी की शुरुआत की. मामला जमा नहीं. साल 2002 में उन्होंने पवई में डीमार्ट का पहला स्टोर खोले. कंपनी के अब देशभर में 238 स्टोर हैं.

रिटेल कारोबार में उन्होंने लीक से हटकर काम किया. मार्जिन की जगह वॉल्यूम पर फोकस किए. कंपनी अपने सप्लायर को 7-10 दिन में पेमेंट दे देती है. इसी सेग्मेंट की दूसरी कंपनियां ये पैसे देने में 20-30 दिन लगाती हैं. कंपनी जहां भी स्टोर्स खोलती है, उसे खरीद लेती है. किराए पर नहीं लेती है.

पिछले 4 साल में डीमार्ट के शेयर में 12 गुना का मुनाफा हुआ. पिछले 5 साल में आमदनी भी दोगुनी हो गई. डीमार्ट के 2011-12 में जहां 55 स्टोर्स थें, वहीं 2015-16 में 110 हो गए. 2020-21 में ये 238 पर पहुंच गए हैं.

दमानी समाज के काम में भी लगे रहते हैं. कोरोना काल में उन्होंने पीएम केयर फंड में 100 करोड़ रुपये दान किए. अलग-अलग राज्यों को भी 55 करोड़ रुपये दिए. मुंबई में वह अपने पिता के नाम से चैरिटेबल ट्रेस्ट चलाते हैं. वहां बच्चों की पढ़ाई और स्किल्स के लिए कई प्रोजेक्ट चलते हैं. स्वच्छ स्कूल अभियान के लिए भी 113 स्कूल को कवर किए हैं.

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