गुलाब को फूलों का राजा यू ही नहीं कहा जाता है. गुलाब बागीचों की रौनक, गुलदस्तों की शान या मोहब्बत के इजहार का जरिया ही नहीं, बल्कि अच्छी कमाई का साधन भी है. इसके तेल की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में खूब डिमांड है, जिसके चलते इसकी कीमत भी आसमान छू रही है. यही वजह है कि इन दिनों जम्मू कश्मीर में इनकी खेती पर जोर दिया जा रहा है.

इन खुशबूदार गुलाबों का इस्तेमाल Rose Oil यानी गुलाब का तेल बनाने के लिए किया जाता है. इसके लिए पहले गुलाबों को इकट्ठा किया जाता है और उसके बाद एक खास प्रकिया से तेल निकाला जाता है.

एक लीटर गुलाब का तेल हासिल करने के लिए करीब 4 टन यानी 4000 किलो गुलाब के फूलों की आवश्यकता होती है. गुलाब का यही तेल फिर अलग-अलग तरह के इत्र और दवाएं बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.

गुलाब जल भी गुलाब के तेल की बूंदों से ही बनाया जाता है. एक अनुमान के मुताबिक, 1 लीटर गुलाब के तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में करीब 25-30 लाख रुपए है.

जानकारों का मानना है कि आने वाले वक्त में किसानों के लिए गुलाब की खेती और मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. एक हेक्टेयर जमीन में आसानी से 4 टन गुलाब की पैदावार हासिल की जा सकती है. लागत के मुकाबले किसानों को गुलाब की खेती करने पर कई गुना ज्यादा आमदनी हो सकती है.

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