नई दिल्ली। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस साल द्वापर युग जैसा संयोग बन रहा है. श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि में मध्य रात्रि को हुआ था. इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर ऐसा ही संयोग बन रहा है. इस साल जन्माष्टमी सोमवार, 30 अगस्त को मनाई जाएगी. आइए आपको बताते हैं कि जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के श्रद्धालुओं को कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.

 

कृष्ण जन्माष्टमी का दिन बहुत शुभ होता है और मान्यता है कि इस दिन भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हालांकि इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है और नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए.

 

भगवान श्री हरि की पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे हमारे पुण्य कर्म का प्रभाव कम होता है और अधर्म बढ़ता है. यानी कृष्ण की पीठ देखने से इंसान के पुण्य कम हो जाते हैं. इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा. भगवान कृष्ण के हमेशा मुख की ओर से ही दर्शन करने चाहिए.

 

जो लोग इस दिन व्रत रखते हुए उन्हें रात में 12 बजे से पहले अपना व्रत नहीं खोलना चाहिए. निर्धारित समय से पहले व्रत खोलने से आपकी उपासना अधूरी रह जाती है और इंसान को उसका फल नहीं मिल पाता है.

 

जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. भगवान विष्णु को श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है. मान्यता के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं. इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना शुभ नहीं माना जाता है.

 

जो लोग जन्माष्टमी का व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए. एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल और जौ से बनी चीजें खाने से बचना चाहिए.

 

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर लहसुन, प्याज या कोई भी अन्य तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. इस दिन घर में मांस और शराब नहीं लाना चाहिए.

 

इस दिन भूलकर भी गाय पर अत्याचार ना करें. भगवान कृष्ण को गाय से बहुत प्रेम था. कान्हा बचपन गाय के साथ ही खेलते थे. ऐसी मान्यता है कि जो भी गाय की पूजा करता है उसे श्री कृष्ण का आशीर्वाद जरूर मिलता है.

 

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी किसी का अनादर ना करें. भगवान कृष्ण के लिए अमीर या गरीब सभी भक्त एक समान ही हैं. किसी भी गरीब का अपमान करने से श्रीकृष्ण अप्रसन्न हो सकते हैं.

 

जन्माष्टमी के दिन पेड़ों को काटना भी अशुभ माना जाता है. श्री कृष्ण हर चीज में बसते हैं और हर चीज उनमें बसती है. बल्कि हो सके तो इस दिन ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए. इससे घर और परिवार में सुख और शांति बनी रहती है.

 

जन्माष्टमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होता है. इस दिन पूरे पवित्र मन-तन से भगवान की पूजा करनी चाहिए.

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