बेगूसराय। रक्तदान महादान होता है और खून का कोई मोल नहीं होता है। बीमार लोगों की जरूरत के मद्देनजर विभिन्न संस्थाएं, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा काफी संख्या में अपना खून समय-समय पर ब्लड बैंक में दान करते हैं ताकि वहां स्टोर किया गया खून जरूरतमंदों के काम आ सके, लेकिन बेगूसराय में लगातार लाल खून के काले कारोबार का मामला सामने आ रहा है। 20 हजार रुपए यूनिट तक खून का यह कारोबार किसी निजी अस्पताल में नहीं, बल्कि चर्चित संस्था रोटरी ब्लड बैंक के स्टाफ के सहयोग से हो रहा है। खून के कारोबार का ऑडियो वायरल होने के बाद सनसनी फैल गई है तथा डीएम से लेकर सीएम तक आवेदन देकर इस रैकेट का पर्दाफाश करने की गुहार लगाई गई है। कुछ ही समय में रक्तदान के लिए चर्चित हो चुकी सामाजिक संस्था सूर्यकला रामजी फाउंडेशन ने गुहार लगाई है। उनके पास मौजूद ऑडियो तथा रोटरी के एक बड़े पदाधिकारी के साथ हुए चैटिंग में बड़े रहस्य का खुलासा हुआ है। मामले का खुलासा फाउंडेशन द्वारा दिए गए खून के बदले रोटरी द्वारा उपलब्ध डोनर कार्ड पर मरीज को रक्त नहीं मिलने के बाद हुआ है।
इस संबंध में जब फाउंडेशन के सचिव शैलेंद्र कुमार सहित अन्य सदस्यों ने रोटरी ब्लड बैंक जाकर जानकारी लेने का प्रयास किया तो उनके साथ बदतमीजी भी की गई। सबसे आश्चर्य की बात है कि रोटरी ब्लड बैंक के पदाधिकारी ने मोबाइल से बातचीत के दौरान खुद कबूल किया कि ब्लड बैंक में काम करने वाला स्टाफ प्रशांत खून बेचने का कारोबार करता था। जिसके कारण उसे हटा दिया गया है, लेकिन घोर आश्चर्य है कि ब्लड बैंक से हटाने के बाद आरोपी को अग्रसेन सेवा सदन में नौकरी दे दी गई तथा अब वह व्यक्ति वहां से ही लाल खून का काला कारोबार कर रहा है। इस संबंध में सूर्यकला रामजी फाउंडेशन के सचिव शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि खून के दलाल और रोटरी ब्लड बैंक के बीच गजब का सांठ-गांठ है। मामले का खुलासा होने के बाद जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र लिखा गया है।
उन्होंने बताया कि बेगूसराय के सभी सामाजिक संगठन के लगातार मेहनत और प्रयास से लोगों को जागरूक कर रक्तदान कराया जाता है, ताकि किसी जरूरतमंद मरीज को ब्लड समय पर मिल सके। लेकिन बेगूसराय का रोटरी ब्लड बैंक हम सभी सामाजिक संगठनों के प्रयास से लगाए गए रक्तदान शिविर में जमा हुए ब्लड को पहले से सेट दलालों के माध्यम से ब्लड को बेच देता है। जब भी हमलोग डोनर कार्ड के माध्यम से ब्लड लेने किसी मरीज को भेजते हैं तो वहां जवाब मिलता है की बैंक में ब्लड ही नहीं है। इस बात की पुष्टि रोटरी ब्लड बैंक बेगूसराय के दिनेश टिबड़ेवाल ने भी सूर्यकला-रामजी फाउंडेशन के रजिस्टर्ड मोबाइल पर व्हाट्सप्प मैसेज पर माना की उनका स्टाफ प्रशांत ब्लड का दलाली करता था। हमारी संस्था के मोबाइल नंबर को रोटरी ब्लड बैंक के सभी स्टाफ ने ब्लॉक कर दिया है ताकि वो सूर्यकला-रामजी फाउंडेशन के बचे हुए ब्लड को आसानी से बेच सकें। शासन-प्रशासन और ब्लड बैंक के पदाधिकारी से अनुरोध कर रहे हैंं कि कराए गए रक्तदान का किसी मरीज की जान बचाने में नि:शुल्क उपयोग हो, अन्यथा ब्लड बैंक के भ्रष्टाचार के विरोध में लड़ाई तेज होगी।