एक परिवार ने अपने परिजन का अंतिम संस्कार कर दिया लेकिन वह शख्स जिंदा होकर लौट आया है. जिसे देख पुलिस और परिवारवालों के होश उड़ गए. जब पूरा मामला खुला तो हर कोई हैरान रह गया.

दरअसल, यह मामला बड़ौदा के माताजी मौहल्ले का है. गुरुवार की शाम 7 बजे शहर के पुल दरवाजा श्मशान घाट के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव पुलिस को मिला था. पुलिस ने मृतक की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी ताकि उसकी शिनाख्त हो सके. वायरल तस्वीर को देखकर शुक्रवार की सुबह बड़ौदा के बंटी शर्मा ने मृतक को 4-5 दिन से गायब अपना भाई दिलीप शुक्ला बताया. बंटी शर्मा ने बताया कि दिलीप मानसिक रूप से कमजोर है.

इसके बाद बंटी शर्मा ने शव के पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी को अपने कब्जे में ले लिया. पुलिस ने भी पंचनामा सहित अन्य कागजी कार्रवाई पूरी कर ली. दिलीप शुक्ला को मृत समझकर उसके परिजनों ने शुक्रवार सुबह को उसका विधिवत अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन रात 8 बजे दिलीप घर लौट आया जिसे देखकर न सिर्फ आस पड़ोस के बल्कि परिवार के लोग भी चौंक गए.

अंत्येष्टि के बाद अपने भाई को जिंदा देखकर घर में पसरा मातम खुशी में बदल गया. लेकिन अज्ञात शख्स की शिनाख्त कर उसका अंतिम संस्कार कर परिवार के सभी सदस्य अब पुलिस कार्रवाई के डर से कैमरे के सामने आने में कतरा रहे हैं. दिलीप के परिजनों का कहना है कि फोटो और हुलिया के आधार पर शिनाख्त करने में गलती हो गई है. वहीं, पुलिस अपनी कार्रवाई को जायज बता रही है. साथ ही अज्ञात शव की तस्वीर के सहारे उसकी नए सिरे से पहचान करने की जुगत में लग गई.

फिलहाल अज्ञात शख्स के परिजन उसकी पहचान करने आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि जिस अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था वह भेला भीम लत गांव का रामकुमार आदिवासी था. उसके परिजन शुक्रवार शाम सिटी कोतवाली पहुंचेंगे. पुलिस के मुताबिक, अब उन्हें अस्थियां दिलवाई जाएंगी. वहीं अब इस अजीबो गरीब घटना की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है कि आखिर अज्ञात लाश की शिनाख्त करने में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई.

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