नई दिल्ली। इंसान जब अपने खान-पान में गलत चीजों को शामिल करता है तो इससे डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर्स का बैंलेंस प्रभावित होता है. एक स्टडी के मुताबिक, हाई शुगर और सैचुरेटेड फैट युक्त डाइट हमारे हिप्पोकैंपस (एक जटिल ब्रेन स्ट्रक्चर) बिहेवियर को बदलती है. इसलिए डॉक्टर्स दिमाग से जुड़ी दिक्कतों को ट्रिगर करने वाली चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं.

केक या कुकीज– केक, कुकीज, क्रैकर और कोल्ड ड्रिंक्स जैसे हाई शुगर फूड हमारे दिमाग की वेस्टलाइन के लिए बहुत खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए एक्सपर्ट प्रोसेस्ड फूड में मौजूद रिफाइन्ड शुगर को विशेष रूप से कम करने की सलाह देते हैं. इनकी जगह यदि आप सेहतमंद फलों का सेवन करें तो बेहतर होगा.

ज्यादा नमक वाली डाइट– चिप्स, पिज्जा, कैन सूप और प्रोसेस्ड मीट में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो दिमाग की कोशिकाओं में मौजूद टाऊ प्रोटीन के लेवल को अस्थिर कर सकती है. टाऊ प्रोटीन का बढ़ता स्तर डेमेंशिया की बीमारी को बढ़ावा देता है. इसलिए डॉक्टर ज्यादा नमक की बजाए मसाले या सीजनल फूड खाने की सलाह देते हैं.

प्रोसेस्ड मीट– अल्जाइमर के खतरे से बचने के लिए एक्सपर्ट प्रोसेस्ड मीट सहित तमाम इन्फ्लेमेटरी फूड से दूर रहने की भी सलाह देते हैं. प्रोसेस्ड मीट कैमिकल, अत्यधिक नमक, स्मोक, ड्राय और कैनिंग जैसे कई पड़ाव से निकलने के बाद तैयार होता है.

एल्कोहल– एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शराब में मौजूद एल्कोहल का बहुत ज्यादा सेवन न्यूरोट्रांसमीटर्स के बैलेंस को प्रभावित कर सकता है और हमारे दिमाग पर भी बहुत बुरा असर डाल सकता है.

व्हाइट ब्रेड या चावल– शोध के मुताबिक, व्हाइट ब्रेड या सफेद चावल का बहुत ज्यादा सेवन उन लोगों में अल्जाइमर की दिक्कत पैदा कर सकता है जो अनुवांशिक रूप से इसके प्रति संवेदनशील हैं. इन्हें बहुत ज्यादा खाने से बचना चाहिए.

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