नई दिल्ली। देवी मां के पावन 9 दिन का पर्व शारदीय नवरात्रि आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को 7 अक्टूबर 2021 से आरंभ होगा. 14 अक्टूबर तक चलने वाले इन दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. 15 अक्टूबर को धूमधाम के साथ विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा. इसी दिन दुर्गा विसर्जन भी किया जाएगा. शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है. नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से विशेष पुण्य मिलता है. मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों के हर कष्ट हर लेती हैं.

जानें शुभ मुहूर्त 
नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ नौ दिन के लिए देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है. घटस्थापना के कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें. 7 अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक का है. इसी समय घटस्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं.

घटस्थापना विधि
घटस्थापना या कलश स्थापना के दौरान कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना चाहिए. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि देवी मां की चौकी संजाने के लिए हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा का स्थान चुनें. इस स्थान को साफ कर लें और गंगाजल से शुद्ध करें. एक लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी मां की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान करें और कलश स्थापना करें. कलश स्थापना या घट स्थापना के लिए नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे. कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी हल्दी की गांठ, दूर्वा और रुपए का सिक्का डालें. अब कलश में आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें और फिर इस कलश को दुर्गा की प्रतिमा की दायीं ओर स्थापित करें.

शारदीय नवरात्रि की तिथियां 
नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर  2021 दिन गुरुवार को मां शैलपुत्री की पूजा से शुरू होगी. 8 अक्टूबर को मां ब्रह्मचारिणी, 9 अक्टूबर दिन शनिवार को मां चंद्रघंटा पूजा व मां कुष्मांडा की पूजा होगी. 10 अक्टूबर को चौथे दिन मां स्कंदमाता, 11 अक्टूबर दिन सोमवार को पांचवे दिन मां कात्यायनी की पूजा होगी. 12 अक्टूबर, मंगलवार को छठे दिन मां कालरात्रि की पूजा होगी. 13 अक्टूबर दिन बुधवार को सातवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाएगी. 14 अक्टूबर दिन गुरुवार को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. वहीं  15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को दशमी के दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा और दशहरा का पर्व भी मनाया जाएगा.

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