नई दिल्ली। क्वाड शिखर वार्ता और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में भाग लेने के लिए बुधवार को अपने चार दिवसीय अमेरिकी दौरे पर रवाना हुए प्रधानमंत्री का एयर इंडिया-वन विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरा है। भारत के अनुरोध पर पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी। ऐसा अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने के मकसद से किया गया। इसके पहले 2019 में पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपने हवाई क्षेत्र से नहीं गुजरने दिया था।

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर 22-25 सितंबर तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यूएसए दौरा पूर्व निर्धारित था। अफगानिस्तान में तालिबानी राज और तनाव के चलते भारत अफगान हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहता था। इसीलिए भारत ने अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने के लिए पाकिस्तान से हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। बदले माहौल में पाकिस्तान ने भारत के अनुरोध पर अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दे दी। इसके बाद आज प्रधानमंत्री मोदी जब अमेरिकी यात्रा के लिए रवाना हुए तो उनका विशेष विमान एयर इंडिया-वन से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से गुजरा है।

इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी जब अक्टूबर, 2019 में अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करने और खाड़ी देश के नेतृत्व से बातचीत करने के लिए सऊदी अरब गए थे, तो पाकिस्तान ने उनके विशेष विमान को अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने नहीं दिया था। भारत के आग्रह को ठुकराते हुए पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग को इस फैसले के बारे में लिखित रूप से सूचित किया था। सितम्बर, 2019 में भी पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मोदी के विमान के अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। उस वक्त मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के लिए जा रहे थे।

सितम्बर, 2019 में ही पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विमान को भी अपने हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की इजाजत न देकर भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया था। राष्ट्रपति कोविंद उस समय आइसलैंड, स्लोवेनिया और स्विट्ज़रलैंड के दौरे पर गए थे। उस वक्त पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति का हवाला देकर इसे प्रधानमंत्री इमरान खान का फैसला बताया था।

कश्मीर में पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया था। उसके बाद पाकिस्तान ने 26 फरवरी को अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया था। हालांकि मार्च में उसने अपने हवाई क्षेत्र को आंशिक रूप से खोल दिया था लेकिन भारतीय उड़ानों के लिए इसे प्रतिबंधित रखा था।

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