गुवाहाटी। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मंगलवार को ब्रह्मपुत्र पुष्कर और संस्कृत महोत्सव का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए उन्होंने असम के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में ब्रह्मपुत्र नद की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

श्री महालक्ष्मी चैरिटेबल ट्रस्ट, चेन्नई के सहयोग से पूर्व तिरुपति श्री बालाजी समिति, गुवाहाटी ने राजधानी के भरलमुख में सोनाराम हाई स्कूल खेल मैदान में ब्रह्मपुत्र नद के किनारे इस महोत्सव का आयोजन किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ब्रह्मपुत्र हमारी संस्कृति, सभ्यता और ताकत है। इस त्योहार ने हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सपने को पूरा करने का अवसर दिया है। यह उत्तर पूर्व और दक्षिण भारत के बीच सेतु का काम करेगा। हमें पुष्कर महोत्सव के माध्यम से असम और पूर्वोत्तर की प्राकृतिक सुंदरता को दिखाने के लिए यह अवसर लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण भारत के श्रद्धालु महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए राज्य का दौरा करने वाले अतिथि नहीं, बल्कि रिश्तेदार हैं। क्योंकि सभी लोग भारत की राष्ट्रीय पहचान से संबंधित हैं। सोनोवाल ने कहा कि पुष्कर महोत्सव देश के लोगों के बीच उत्साह की भावना को बढ़ावा देने में मदद करता है।

उन्होंने कहा कि यह मानवतावादी मूल्यों को पुनर्जीवित करेगा। साथ ही राज्य और क्षेत्र के पर्यटकों को आकर्षित करते हुए भूमि के संसाधनों और संभावनाओं की खोज में मदद करेगा। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों के साथ कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि पुष्कर महोत्सव पांच से 16 नवम्बर तक 12 दिनों के लिए आयोजित हो रहा है। यह नदी उत्सव है जो भारत में 12 महत्वपूर्ण नदियों के किनारे आयोजित होता है। यह त्योहार प्रत्येक नदी के लिए हर 12 साल में एक बार होता है।इस दौरान ब्रह्मपुत्र नद में शाही स्नान, यज्ञ, आरती, पूजा-अर्चना और धर्म संसदों का आयोजन होगा। माना जा रहा है कि इस महोत्सव में देशभर से साधु-संत, धर्म के मर्मज्ञ और श्रद्धालु बडी संख्या में हिस्सा लेंगे।

प्रशासन ने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी तरह के इंतजाम किए हैं। सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। साथ ही आवाजाही के लिए भी परिवहन विभाग ने बेहतर इंतजाम किए हैं।

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