नई दिल्ली। देश की अतिविशिष्ट सुरक्षा सेवा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) का सुरक्षा कवच केवल प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों तक ही सीमित रखने संबंधी संशोधन विधेयक को लोकसभा में बुधवार को ध्वनिमत से पारित किया गया। सोनिया गांधी और उनके परिवार के सदस्यों को एसपीजी कवर हटाने का विरोध कर रहे कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
एसपीजी एक्ट में संशोधन करने वाले इस विधेयक में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री और उनके सरकारी आवास पर उनके साथ रहने वाले निकट पारिवारिक सदस्यों को ही यह सुरक्षा प्रदान की जाएगी। विधेयक में यह भी प्रावधान है कि कार्यमुक्त होने वाले प्रधानमंत्री और उन्हें आवंटित सरकारी आवास पर उनके साथ रहने वाले निकट पारिवारिक सदस्यों को अगले पांच वर्ष तक यह सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
पहले की व्यवस्था के अनुसार, सोनिया गांधी उनके पुत्र राहुल गांधी और उनकी पुत्री प्रियंका गांधी को एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। एसपीजी हटने के बाद अब यह लोग जेड प्लस सुरक्षा के घेरे में हैं।
कांग्रेस सदस्यों के तीव्र विरोध के बीच विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने किसी की सुरक्षा कम नहीं की है। वास्तव में सुरक्षा में इजाफा किया गया है। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से पूछा कि आखिर आपको एसपीजी सुरक्षा की जरूरत क्यों है। उन्होंने पूछा कि आपको देश के विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा की चिंता है या किसी एक परिवार की सुरक्षा की। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से यह भी पूछा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सुरक्षा बदली गई तब कोई हल्ला नहीं किया गया।
शाह ने कहा कि इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक ने डॉ मनमोहन सिंह को बताया था कि सुरक्षा खतरे का आकलन करने के आधार पर आईबी का मानना है कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को अब एसपीजी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है। इस पर डॉ सिंह ने कहा था कि वह जैसा उचित समझें वैसा फैसला करें।
गृहमंत्री ने कहा कि सरकार सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को सुरक्षा प्रदान कर रही है लेकिन कोई भी राजनीतिक नेता यह अपेक्षा नहीं कर सकता कि उसे देश के प्रधानमंत्री जैसी सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
कांग्रेस के बदले की भावना से काम करने के आरोप का खंडन करते हुए शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्कार में ऐसी कोई बात नहीं है। वास्तव में कांग्रेस पार्टी ही बदले की भावना से काम करने में विश्वास रखती है। आपातकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पूरे देश को जेलखाने में बदल दिया था।
गृहमंत्री ने कहा कि सोनिया गांधी के परिवार के सदस्यों ने एसपीजी द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का बार-बार उल्लंघन किया। राहुल गांधी ने वर्ष 2015 के बाद एसपीजी को बिना बताए देश के अंदर 1892 बार और अन्य देशों में 247 बार यात्राएं कीं। करीब छह सौ बार एसपीजी द्वारा तय प्रोटोकॉल को नजरअंदाज किया गया। शाह ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने एसपीजी कानून में बदलाव एक परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया था, जबकि इस सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है।