कोलकाता। अरबों रुपये के सारदा चिटफंड घोटाला मामले में साक्ष्यों को मिटाने के आरोपित कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने हटा ली है। चिटफंड मामले में उनसे पूछताछ के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नोटिस को रद्द कराने हेतु कुमार ने न्यायालय का रुख किया था।

इस पर शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति मधुमति मित्रा की एकल पीठ ने कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सीबीआई को यह भी निर्देश दिया है कि एजेंसी अगर कुमार को गिरफ्तार करती है तो इसके पीछे पुख्ता कारण होने चाहिए। न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि जांच एजेंसी जब चाहे राजीव कुमार को समन भेजकर कानून के मुताबिक कार्रवाई कर सकती है। कुमार को गवाह के तौर पर बुलाया जाएगा या आरोपित के तौर पर, यह तय करने का अधिकार भी कोर्ट ने सीबीआई को दे दिया है। न्यायालय के आदेश के बाद राजीव कुमार की गिरफ्तारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी उन्हें सोमवार तक पूछताछ के लिए हाजिर होने का समन जारी कर सकती है। दरअसल इस मामले में विगत डेढ़ महीने से लगातार सुनवाई चल रही थी। कुमार की ओर से अधिवक्ता मिलन मुखर्जी ने पक्ष रखा था। कुमार चाहते थे कि चिटफंड मामले में उनसे पूछताछ के लिए सीबीआई नोटिस नहीं भेजे और पहले से भेजे गए नोटिस को रद्द किया जाए। करीब डेढ़ महीने की सुनवाई के बाद शुक्रवार को न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में जांच अपने मुताबिक चलाने का निर्देश सीबीआई को दिया है।

उल्लेखनीय है कि सारदा पोंजी घोटाला मामले में आरोप है कि राजीव कुमार ने राज्य सरकार के अधिकारी के तौर पर जांच करते हुए जो साक्ष्य बरामद किए थे उसे इसीलिए मिटा दिया ताकि उसमें तृणमूल नेता ना फंसे। 2013 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच हेतु विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था जिसके मुखिया राजीव कुमार थे। उन्होंने सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन और उनकी महिला सहयोगी देबजानी को जम्मू-कश्मीर के सोनमार्ग से गिरफ्तार किया था। उनके पास से लैपटॉप और एक लाल डायरी बरामद हुई थी जिसमें कथित तौर पर उन लोगों का नाम लिखा गया था जिन्होंने चिटफंड कंपनी से करोड़ों रुपये लिए थे। इसमें सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल थे।

2014 में जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने की अनुमति दी उसके बाद से लेकर आज तक सीबीआई को नहीं सौंपी गई है। इस बीच जब कुमार की गिरफ्तारी को लेकर उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही थी तो सीबीआई ने अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया था कि सारदा चिटफंड मामले में अभी तक जिन लोगों का भी नाम सामने आया है अथवा गिरफ्तारियां हुई हैं, वे छोटे अपराधी हैं। इसमें कई बड़े लोग शामिल हैं जिनके राज राजीव कुमार जानते हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किया जाना जरूरी है।

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