नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई है. यह बैठक आज सुबह 10 बजे के बाद कभी भई शुरू होगी. बताया जा रहा है कि बैठक के मुख्य एजेंडे में कांग्रेस संगठनात्मक चुनाव, आगामी विधानसभा चुनाव, लखीमपुर खीरी हिंसा, किसान आंदोलन और महंगाई जैसे मुद्दे शामिल हैं.

कांग्रेस पार्टी के भीतर काफी समय से पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की मांग उठ रही है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने अब इस बैठक को बुलाने का फैसला किया है. यह बैठक कांग्रेस की राज्य इकाइयों जैसे पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जारी हंगामे के बीच हो रही है, जहां पार्टी सत्ता में है.

जी-23 नेताओं ने रखी थी बैठक बुलाने की मांग

कांग्रेस के बागी नेताओं का समूह जी-23 लगातार वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग कर रहा है. पिछले महीने पंजाब में जारी घमासान के बीच कपिल सिब्बल ने आश्चर्य जताया था कि पूर्णकालिक अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा है. उन्होंने दावा किया था कि  जी-23 नेताओं का समूह “जी हुजूर 23 नहीं है.

आजाद ने लिखा था सोनिया को पत्र

वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर जल्द से जल्द वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की थी. बैठक के दौरान, पार्टी नेतृत्व के नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के समय पर फैसला होने की भी संभावना है.

इससे पहले पार्टी ने 22 जनवरी को हुई वर्किंग कमेटी की बैठक में तय किया था कि कांग्रेस के अगले अध्यक्ष पर जून 2021 के बाद फैसला किया जाएगा. लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए मई में इस प्रस्ताव को टाल दिया गया.

इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा 

इस मीटिंग में मुख्य रूप से लखीमपुर हिंसा पर चर्चा हो सकती है. लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे अशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा इस बैठक में महंगाई, किसान आंदोलन और देश की आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.

इतना ही नहीं बैठक में पिछले चुनावों में मिली हार और दलबदल को लेकर पार्टी के भीतर उठने वाले सुरों पर भी चर्चा हो सकती है. इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मौजूद रहने की उम्मीद है.

कांग्रेस में नए अध्यक्ष की उठ रही मांग

लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने 2019 में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद अगस्त 2019 से सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हैं. हालांकि, कांग्रेस में लगातार नए अध्यक्ष की मांग उठती रही है, जो पूर्णकालिक हो और सक्रिय रहे. कांग्रेस में एक खेमा ऐसा भी है, जो राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है.

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