नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में स्कूलों को खोलने पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। दिल्ली के रहने वाले कक्षा 12वीं के छात्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम यह नहीं कहते कि याचिका प्रचार के लिए दाखिल हुई है लेकिन बेहतर हो कि आप पढ़ाई पर ध्यान दें। हर राज्य में सरकार परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले रही है।

याचिका में कहा गया था कि स्कूलों को खोला जाए और ऑफलाइन पढ़ाई शुरू करने के लिए समयबद्ध फैसला करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया था कि स्कूलों में फिजिकल पढ़ाई शुरू करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियां ढुल-मुल रही हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से वकील रवि प्रकाश मेहरोत्रा ने कहा कि फिजिकल पढ़ाई की बजाय ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से छात्रों पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे उन पर मनोवैज्ञानिक तरीके से बुरा असर पड़ रहा है। याचिका में कहा गया था कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेज करना संभव नहीं है। ऐसे में वे निजी ट्यूशन या कोचिंग का सहारा ले रहे हैं।

याचिका में कहा गया था कि भारत में छात्र समुदाय स्कूलों में बिना ऑफलाइन पढ़ाई के अपने अध्ययन से वंचित रह जा रहे हैं। इससे वे शिक्षा पाने के अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। ऐसा होना संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन है।

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