नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार की शाम सितम्बर माह के अर्थिक विकास दर का आंकड़ा जारी किया। इसके मुताबिक देश की आर्थिक विकास दर जुलाई-सितम्बर तिमाही में 4.5 फीसदी रही, जबकि गत वर्ष की समान अवधि में यह सात फीसदी थी।
भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के अभी तक के सभी प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के हिसाब से वर्ष 2019-20 सितम्बर तिमाही में विकास दर छह साल के सबसे निचले स्तर पर 4.5 फीसदी दर्ज की गई। जुलाई-सितम्बर के ये आंकड़े पहली तिमाही की जीडीपी से भी कम हैं। पहली तिमाही में जीडीपी पांच फीसदी दर्ज की गई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक कोर सेक्टर में 5.8 फीसदी की कमी आई है। कोर सेक्टर के आठ प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं। इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी होती है।
आंकड़ों के अनुसार कोयला इंडस्ट्री के उत्पादन में 17.6 फीसदी, कच्चा तेल और नेचुरल गैस प्रोडक्शन में क्रमश: 5.1 फीसदी और 5.7 फीसदी की कमी आई है। सीमेंट प्रोडक्शन में 7.7 फीसदी और स्टील प्रोडक्शन में 1.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन 12.4 फीसदी लुढ़क गया है। सिर्फ फर्टिलाइजर्स सेक्टर के प्रोडक्शन में बढ़त देखने को मिली है। यह सेक्टर एक साल पहले के मुकाबले में 11.8 फीसदी की दर से बढ़ा है।
उल्लेखनीय है कि अर्थव्यवस्था के जानकार और तमाम रेटिंग एजेंसियों ने पिछले कुछ हफ्तों में इस परिणाम की भविष्यवाणी की थी।
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