नई दिल्ली। भारत ही नहीं पूरा विश्व इसरो के चंद्रयान 2 के चंद्रमा पर भेजने के प्रयास की प्रशंसा कर रहा है। हालांकि अंतिम क्षण में इन प्रयासों को कुछ असफलता मिली है। विदेशी मीडिया ने अपनी प्रतिक्रियाओं में कहा है कि इस असफलता से मिशन का सब कुछ नहीं खो गया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इंजीनियरों के कौशल और अंतरिक्ष विकास को अपनी वैश्विक महत्वकांक्षाओ के साथ जोड़ा है। उसने कहा है कि भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह एक लंबी छलांग है।

फ्रांस के दैनिक ला मोंन्डे ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता दर का उल्लेख किया है। इसमें कहा गया है वैज्ञानिक बताते हैं 45 प्रतिशत मिशन का उद्देश्य सफल रहा है। साथ ही इसे एक टूटा सपना बताया है। सीएनएन के मुताबिक चंद्रमा मिशन शुरू करने में भारत के दूसरे प्रयास में काफी हद तक सफलता मिली है।

अल जजीरा ने कहा कि भारत की चंद्रयान 2 से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की अच्छी शुरुआत हुई। ब्रिटिश ऑनलाइन समाचार पत्र द इंडिपेंडेंट ने कहा कि भारत ने अपना पिछला प्रयास बंद करने के बाद चंद्रयान 2 मिशन लॉन्च किया।

द गार्डियन ने कहा कि शुरुआती विफलता के बाद चंद्रयान 2 को फिर से छोड़ा गया। बीबीसी ने भी इसी प्रकार की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चंद्रयान 2 छोड़कर अपने दूसरे मिशन की शुरुआत की। अमरीकी मैगजीन वायर ने कहा कि चंद्रयान 2 अपने लक्ष्य से फिसल गया है।

उल्लेखनीय है कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए इसरो के 1000 से अधिक वैज्ञानिकों ने पिछले कई वर्षों में निरंतर अथक प्रयास कर इस मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन का अनुमानित खर्च 14 करोड़ दस लाख डॉलर आया है।

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