सर्किट हाउस में लगे फूलों के विषय में माली से ली जानकारी
कानपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर शहर आये रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गये। दिल्ली रवाना होने से पूर्व उन्होंने सर्किट हाउस में मॉर्निंग वॉक किया और सर्किट हाउस में मॉर्निंग वॉक करने वाले पहले राष्ट्रपति बन गये। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में लगे फूलों के विषय में माली से जानकारी भी ली। वहीं लोगों से मुलाकात में गांव वालों ने गांव आने का न्योता दिया तो राष्ट्रपति ने गांव परौंख आने का भरोसा दिलाया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने गृह जनपद कानपुर आये। पहला दिन तो कार्यक्रमों में चला गया और रात्रि विश्राम सर्किट हाउस में हुआ। रोजाना सुबह जगने वाले राष्ट्रपति सर्किट हाउस के बगीचे पहुंचे और करीब 45 मिनट तक मॉर्निंग वॉक किया। इस दौरान वहां पर लगे फूलों को देखकर माली को राष्ट्रपति ने बुलाया। राष्ट्रपति ने माली से एक-एक फूलों के विषय में जानकारी ली और कहा कि इन फूलों की जिम्मेदारी आपकी है और इन्हे बराबर पानी मिलता रहना चाहिये।

जिससे आने वाले विशिष्ट लोगों में कानपुर की गरिमा बनी रही। इसके बाद राष्ट्रपति तैयार होकर मुलाकात के लिए बैठे और बंद कमरे में राष्ट्रपति और उनकी पत्नी सविता कोविंद ने 46 लोगों से मुलाकात की। जिसमें कुछ रिश्तेदार तो कुछ सामाजिक कार्यकर्ता व राजनीतिक भी रहे। करीब दो घंटे की लोगों से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ने नाश्ता किया और चकेरी एयरपोर्ट के लिए निकल लिये। वहां से वह दिल्ली के लिए रवाना हो गये। एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, महापौर प्रमिला पांडेय, राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, मंडलायुक्त सुभाष एम बोबडे, ब्रिगेडियर नवीन शर्मा, एडीजी प्रेमप्रकाश, डीएम विजय विश्वास पंत, एसएसपी अनंत देव ने विदाई दी। यहां पर राष्ट्रपति ने महापौर के साथ थोड़ी देर के लिए गुफ्तगू भी की।
करीब 25 घंटे शहर में बिताये
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने चौथे दौरे में करीब 25 घंटे शहर में बिताये और तीन कार्यक्रमों में भी शिरकत की। एक कार्यक्रम को छोड़कर दो कार्यक्रम शिक्षा से जुड़े रहे और तीसरा कार्यक्रम नगर निगम का संबोधन रहा। जिससे कानपुर नगर निगम का इतिहास भी बन गया और सदन को संबोधित करने वाले रामनाथ कोविंद पहले राष्ट्रपति बन गये।
भाई ने की पहली मुलाकात
राष्ट्रपति से सबसे पहले मुलाकात करने वालों में उनके बड़े भाई रामस्वरूप कोविंद रहें जो कानपुर देहात के झींझक से आये हुए थे। इनके साथ दूसरे बड़े भाई प्यारेलाल का परिवार भी रहा। राष्ट्रपति ने अपने परिवार के एक-एक व्यक्ति के विषय में जानकारी ली और गांव का भी हालचाल पूछा। इसके बाद श्री नित्येश्वर उदासीन आश्रम के महंत योगेन्द्र मुनि महाराज ने राष्ट्रपति से बंद कमरे में मुलाकात की और धर्म को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद बीएनएसडी इंटर कॉलेज में हाईस्कूल में साथ पढ़े मित्र सूबेदार मेजर रहे श्रवण कुमार यादव और सूबेदार रहे विद्यासागर शर्मा भी मिलने पहुंचे।

यहां पहुंची भांजी मीना के लिए राष्ट्रपति ने पहले से ही दिल्ली से डॉक्टर को बुलाया हुआ था। इस दौरान अन्य लोगों ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की। दो दिनों में राष्ट्रपति ने सौ से अधिक लोगों से मुलाकात की। इनमें से किसी ने अपने मांगपत्र राष्ट्रपति को सौंपा तो किसी ने उन्हें अपने यहां आने का निमंत्रण दिया।

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