कानपुर। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद पदभार संभालने के बाद पहली बार कानपुर जिले में अपने पैतृक गांव परौंख जा रहे हैं।

कानपुर देहात जिले के झीझक रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार शाम 6 .10 बजे राष्ट्रपति की स्पेशल ट्रेन पहुंची। यहां झीझक में लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मैं आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोगों से कहा कि मेरी आपसे दूरी नहीं है। प्रोटोकॉल के तहत कुछ दूरी है।
आप अपनी बात, शिकायत हम तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद बहुत विकास हुआ है। ऐसे में हम सबका भी दायित्व है कि विकास में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि कुछ लोग धरना-प्रदर्शन करने के दौरान ट्रेनों को रोकते हैं, कहीं-कहीं ट्रेन में आग भी लगा देते हैं। जो कि एकदम गलत है। क्षणिक आवेश में उठाया गया ऐसा कदम कहीं ना कहीं हमारे ऊपर ही प्रभाव डालता है।

राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अंदाज में कहा कि सबसे ज्यादा वेतन देश के राष्ट्रपति को मिलता है। हमें भी 5 लाख मिलता है, जिसमें पौने 3 लाख टैक्स में चला जाता है। तो बताइये बचा कितना? और जितना बचा उससे कहीं ज्यादा तो हमारे अधिकारी और अन्य दूसरे लोगों को मिलता है। यहां जो टीचर्स बैठे हुए हैं उन्हें तो सबसे ज्यादा मिलता है।

पूरे रास्‍ते में चाक चौबंद सुरक्षा व्‍यवस्‍था
राष्ट्रपति की प्रेजीडेंशियल स्पेशल ट्रेन आने से पहले राज्य प्रशासन और रेलवे पूरे कानपुर रूट की सुरक्षा चाक चौबंद कर रहा है।

इसके लिए गुरुवार को रेलवे, जीआरपी और पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों ने दृष्टि निरीक्षण यान से लखनऊ से कानपुर ब्रिज तक निरीक्षण किया।
यह यान अत्याधुनिक कैमरों से भी लैस है। इसके जरिए पटरियों के दोनों ओर रेकॉर्डिंग भी की गई।

दिल्ली से कानपुर तक रेलवे लाइन के दोनों ओर पुलों, नालों और झाड़ियों के आसपास सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

इसके बाद 28 जून को कानपुर से लखनऊ आने के दौरान भी पूरे रेलखंड पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
इसके मद्देनजर गुरुवार को अफसरों से चारबाग स्टेशन से कानपुर गंगा पुल तक दोनों लाइनों का जायजा लिया गया। सुरक्षा टीम की अगुवाई एसपी रेलवे सौमित्र यादव ने की।
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