नई दिल्ली। लोजपा के संस्थापक व दिवंगत नेता रामविलास पासवान के नाम से आवंटित दिल्ली स्थित 12 जनपथ बंगला से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां सरकार की तरफ से बंगला खाली करने का नोटिस चिराग पासवान को दिया गया है. वहीं चिराग ने अपने पिता की प्रतिमा लगाकर एक नये चर्चे को पैदा कर दिया है.

12 जनपथ हाल में ही तब चर्चे में आया जब इसे खाली करने का नोटिस भेजा गया. चिराग पासवान का बचपन भी इसी बंगले में बीता है. लोजपा कार्यालय का आधिकारिक पता भी 12 जनपथ ही रहा है. इस बीच चिराग ने अपने पिता की बरसी तक इस बंगले में रहने का अनुरोध भी किया है. यह बंगला अब रेल मंत्री को आवंटित किया गया है. वहीं चिराग पासवान ने बंगला छोड़ने से पहले अब यहां अपने पिता की एक मूर्ति लगवा दी है और ऑफिस के बाहर रामविलास स्मृति का बोर्ड टंगवा दिया है.

बता दें कि रामविलास पासवान की पुण्यतिथि आगामी 8 अक्टूबर को है. चिराग पासवान अपने पिता की बरसी इसी बंगले में करना चाहते हैं. इसे कार्यक्रम की तैयारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है. यह बंगला 1990 से ही रामविलास पासवान के नाम पर आवंटित रहा है. चूंकि यह बंगला सिनियर केंद्रीय मंत्री कोटे का ही है लिहाजा चिराग पासवान बतौर सांसद इसे अपने नाम से नहीं करा सकते.

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके नाम से आवंटित 12 जनपथ बंगले को शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संपदा निदेशालय ने खाली करने का नोटिस जारी किया है. यह बंगला करीब 30 साल से पासवान परिवार के पास रहा है और चिराग पासवान अपनी मां के साथ अभी इसी बंगले में रह रहे हैं. इस बंगले को अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित कर दिया गया है. चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं और उनके नाम पर नॉर्थ एवेन्यू में आवास पहले से आवंटित है.

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