– कुमारी सैलजा के पिता दलबीर सिंह भी रह चुके हैं कांग्रेस अध्यक्ष
– 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनकर शुरू किया राजनीतिक सफर

चंडीगढ़। कांग्रेस हाईकमान ने लंबी कशमकश के बाद आखिरकार बुधवार को हरियाणा कांग्रेस की कमान अशोक तंवर से छीन ली। शिखर नेतृत्व ने 57 वर्षीय कुमारी सैलजा पर भरोसा जताकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तल्खी को दूर करने की कोशिश की है। राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें गांधी परिवार की सेवा करने का तोहफा देकर हुड्डा-तंवर के बीच चल रही लड़ाई को खत्म करने का प्रयास किया है।

हरियाणा कांग्रेस की नई अध्यक्ष कुमारी सैलजा 1990 में महिला कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं। इसी साल राजनीतिक सफर शुरू किया। उनके पिता दलबीर सिंह हरियाणा कांग्रेस की कमान संभाल चुके हैं। सैलजा हर मुसीबत के क्षण में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ रही हैं। सोनिया गांधी की बीमारी से लेकर विदेश दौरे तक वह उनके साथ नजर आई हैं। राहुल गांधी की टीम का भी वह अभिन्न हिस्सा रही हैं।

वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में वह सिरसा से जीतीं और नरसिंह राव सरकार में शिक्षा और संस्कृरति राज्यमंत्री बनीं। जुलाई 1992 से सितंबर 1995 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा और संस्कृति विभाग की केंद्रीय उप मंत्री रहीं। सितंबर 1995 से मई 1996 तक इसी विभाग में राज्यमंत्री रहीं। 1996 में 11वीं लोकसभा के चुनाव में दूसरी बार सिरसा से जीत दर्ज की और कांग्रेस संसदीय दल कार्यकारी समिति की सदस्य बनीं।

वह 1996 से 2004 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव और प्रवक्ता रह चुकी हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह अंबाला सांसद चुनी गईं और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनीं।

सैलजा वर्ष 2007 में दो वर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावास की 21वीं शासी परिषद की अध्यक्ष चुनी गईं। 2009 में चौथी बार लोकसभा चुनाव जीतीं। 31 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 तक केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और पर्यटन मंत्री रहीं। 19 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक आवास और शहरी गरीबी उपशमन और संस्कृति मंत्रालय की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पद का दायित्व संभाला। 28 अक्टूबर 2012 से सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप कार्य किया। वर्ष 2014 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुईं। 2019 के आखिर में कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है।

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