जम्मू़। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 व 35ए समाप्त किए जाने के बाद यहां की स्थिति को देखते हुए हिरासत में लिए गए व नजरबंद किए गए नेताओं को जल्द रिहा किया जा सकता है। इन नेताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों में भी ढील दी जा रही है। यहां तक कि कुछ राजनीतिक नेताओं को स्वास्थ्य कारणों से घाटी के बाहर जाने की इजाजत भी मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इसके संकेत भी दिए हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार बीते शनिवार को चार से पांच नेताओं को राज्य प्रशासन ने उनके अनुरोध पर कुछ देर के लिए घर जाने की इजाजत भी दी थी। हाल ही में डल झील के किनारे बने सेंटूर होटल, सब जेल से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को ठंड के कारण एमएलए हॉस्टल में शिफ्ट किया गया था। इस हॉस्टल को भी सब जेल का दर्जा दिया गया है।

राज्य में पिछले सौ दिनों से भी ज्यादा की हिरासत में तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं जिसमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है जबकि अन्य दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में रखा गया है। पिछले दिनों नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने रिहाई के लिए बांड भरने से मना कर दिया है। नौकरशाही छोड़ सियासत में आए डॉ. शाह फैसल ने कथित तौर बांड फाड़ दिया। पिछले दिनों होटल संटूर में हिरासत में रखे गए 34 राजनीतिक बंदियों को एमएलए हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया था।

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