नई दिल्ली। देश में सरकार 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की ‘बूस्टर डोज’ देने जा रही है, जिसे भारत में ‘प्रिकॉशन डोज’ कहा जाएगा. शुरुआत में ये वैक्सीन की तीसरी डोज फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को दी जाएगी. ऐसे में कई बड़े सवाल भी उठते हैं जैसे कितने गैप से लगेगी तीसरी डोज? तीसरी डोज लगवाने के लिए क्या जरूरी होगा? ऐसे ही 8 बड़े सवालों के जवाब जानते हैं…

1. भारत में बूस्टर डोज किसे लगेगी? कैसे लगेगी?

– फिलहाल कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज जिसे ‘प्रिकॉशन डोज’ (Precaution Dose) कहा जा रहा है, वो हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों को लगाई जाएगी. इसे लगाने का तरीका अलग नहीं होगा. जैसे पहली दो डोज लगी है, वैसे ही तीसरी डोज भी लगेगी.

2. कितने लोगों को लगेगी बूस्टर डोज?

– कोरोना से सीधी लड़ाई लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को प्रिकॉशन डोज लगाई जाएगी. इनकी संख्या करीब 3 करोड़ है. इनके अलावा 60 साल से ऊपर के ऐसे बुजुर्ग जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है, वो भी डॉक्टर की सलाह पर तीसरी डोज ले सकते हैं. हालांकि, बुजुर्गों के लिए ये वैकल्पिक है.

3. अगर कोई बीमारी नहीं तो फिर भी लगवा सकते हैं तीसरी डोज?

– नहीं. 60 साल से ऊपर के सिर्फ उन्हीं बुजुर्गों को तीसरी डोज लगाने का विकल्प है, जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि प्रिकॉशनरी डोज के लिए ‘कोमोर्बिडिटी सर्टिफिकेट’ जरूरी होगा. अगर आपको डायबिटीज, कैंसर, सांस लेने में दिक्कत, कार्डियोवस्कुलर डिसीज जैसी गंभीर बीमारी है तो तीसरी डोज ले सकते हैं.

4. कितने अंतर से लगेगी तीसरी डोज?

– सरकार की ओर से इसे लेकर अभी गाइडलाइंस जारी नहीं हुई है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि दूसरी और तीसरी डोज के बीच 9 से 12 महीने का अंतर हो सकता है. यानी 10 जनवरी से उन्हें ही तीसरी डोज लगाई जाएगी जिन्होंने इस साल जनवरी से मार्च के बीच दूसरी डोज ली होगी.

5. तीसरी डोज के लिए कौन सी वैक्सीन रहेगी?

– एक्सपर्ट का मानना है कि तीसरी डोज अलग वैक्सीन की होनी चाहिए. जैसे अगर पहली दो डोज कोवैक्सीन की लगी है तो तीसरी डोज कोविशील्ड की लगनी चाहिए. इसी तरह अगर पहली दो डोज कोविशील्ड की लगी है तो तीसरी डोज कोवैक्सीन की लगे. हालांकि, सरकार की ओर से अभी मिक्स वैक्सीन की बात नहीं कही गई है. इसलिए अभी यही माना जा रहा है कि जिस व्यक्ति को जिस वैक्सीन की पहली दो डोज लगी होगी, उसी वैक्सीन की तीसरी डोज लगाई जाएगी.

6. क्या बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी मिलेगा?

– हां. जिस तरह वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगने पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिला है, उसी तरह बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी मिलेगा. डॉ. आरएस शर्मा ने इस बात की जानकारी दी है.

7. बूस्टर डोज लगाने का फैसला क्यों लिया गया?

– दुनियाभर के वैज्ञानिक चेता चुके हैं को कोरोना के खिलाफ वैक्सीन से बनी इम्युनिटी कुछ महीनों बाद कम होने लगती है. ऐसे में वैक्सीन की बूस्टर डोज जरूरी है. कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट ने इसकी जरूरत और बढ़ा दी है, क्योंकि नया वैरिएंट वैक्सीनेटेड को भी शिकार बना रहा है. क्योंकि कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और हेल्थकेयर-फ्रंटलाइन वर्कर्स को है, इसलिए इन्हें तीसरी डोज लगाई जा रही है.

8. मुझे गंभीर बीमारी, लेकिन उम्र 60 से कम तो क्या लगवा सकता हूं तीसरी डोज?

– नहीं. अभी तीसरी डोज सिर्फ फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को ही लगाई जाएगी. अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है लेकिन उम्र 60 साल से कम है तो तीसरी डोज नहीं ले सकते.

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