खूँटी। जिले के कर्रा थाना के हसबेड़ा गांव में शुक्रवार देर रात्रि जंगली हाथियों ने ताण्डव मचाते हुए बुधनी मुंडाईन एवं रजलो मुंडाईन के घर को पुरी तरह ध्वस्त कर दिया। साथ ही दर्जनों किसान के धान, मडुवा सहित अन्य फसल को रौंद कर नष्ट कर दिया। कर्रा के हंसबेड़ा गांव में हाथियों के द्वारा दो घरों को आज ध्वस्त कर दिया । और उनके घरों में रखे धान‌ को भी खाकर छींट भी दिया। साथ ही इसके अटैक से घर के सामान भी छतिग्रस्त हो गए। लेकिन किसी प्रकार के दुर्घटना नहीं हुई। जिसमें एक बुधनी मुण्डाइन और‌ दूसरा रंजलो मुण्डाईन के घर पर हाथियों ने हमला किया। बुधनी मुण्डाईन और उसके घर मेहमान आए लोगों‌ ने गाय के गोहाल में जाकर जान बचाए।
ये सभी गाँव हाथियों के प्रकोप से आतंकित है। इसका एक प्रमुख कारण है हाथी का बच्चा। बच्चा हाथी जिधर जिधर जाय। उसकी माँ और अन्य हाथी भी उधर चले जाएं। और इसी क्रम में हाथी का बच्चा गाँव और घरों में भी घुस जाते हैं। जिसके का हाथी भी वहाँ पहुँच जाता है। इससे लोग भयभीत घर से भाग खड़े होते हैं। इसी क्रम में हाथी का बच्चा भी बुधनी का घर में घुस गया। और जब हाथी पीछे से पहुंचा तो धान की गंध पाया और फिर घर में सेंध मारने के क्रम में घर का हिस्सा को ढहा दिया। यही वाकया करंजो मुण्डाईन के साथ भी हुआ।

ज्ञात हो कि 14 जंगली हाथियों का झुंड पिछले करीब डेढ़ माह से कर्रा प्रखंड के हसबेड़ा, बनटोली, सहनईटोली, तुनेल, कोने, गड़के, मेहा, तिमड़ा, कदलीपिड़ी, डुमारी, दिवरी, कसिरा, खरतंगा, मास्को, सरलो, सहित कई गांव में जंगली हाथीयों का झुंड उत्पात मचा रहा है। जिससे रात रात भर ग्रामीण जागकर अपने गांव व फसल को पहरा दे रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा पर्याप्त रुप से जंगली हाथी से बचाव के लिए सामग्री उपलब्ध नहीं कराती जा रही है। ग्रामीण काफी खतरा अनुभव कर रहे है। बता दें कि वर्तमान में 14 जंगली हाथीयों का झुंड हसबेड़ा जंगल में हैं जो शाम होते ही गांव की तरफ घुसने लगते हैं। हसबेड़ा के ग्रामीणों ने ग्राम सभा करके सरकार से भुक्तभोगी को दिन दयाल आवास योजना दिलाने की मांग रखी गयी है। वर्तमान में इन्हें गांव के सरकारी भवन में शरण देने की बात कही जा रही है।

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