रांची। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री केएन रघुनंदन ने कहा कि एबीवीपी की ओर से एक भारत, श्रेष्ठ भारत का जो संकल्प था, वह अनुच्छेद 370 हटने से पूरा होता दिखाई दे रहा है। अनुच्छेद 370 व अनुच्छेद 35ए की समाप्ति जम्मू कश्मीर की जनता के लिए पुनर्जन्म है। इस ऐतिहासिक कदम से जम्मू कश्मीर की व्यवस्था सुदृढ़ और सशक्त बनेगी। शिक्षा, रोजगार, आदि सहित सकरात्मक विकास की धारा विकसित होगी। उन्होंने कहा कि एबीवीपी 11 सितंबर 1990 में चलो कश्मीर इस महाअभियान को लेकर अब तक देश में एक निशान एक विधान की मांग करते आई थी, जिसका सकरात्मक परिणाम वर्तमान सरकार द्वारा संभव हो सका। रघुनंदन गुरुवार को एबीवीपी के झारखंड प्रांत की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का शुभारंभ करने के बाद शुक्ला कालोनी हिनू स्थित विद्या विकास समिति कार्यालय में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आज से पूर्व देश विरोधी ताकतों के कारण युवा भटकाव की स्थिति में थे, लेकिन इस ऐतिहासिक कदम के बाद वर्तमान समय में देश के लिए चिंतन करने वाले बन रहे हैं। अब विपक्ष भी इस फैसले के साथ खड़ा है।

मौके पर प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में एबीवीपी विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अभियान चलाएगी। प्राचीन समय में 64 कलाओं की पढाई होती थी, जिसे शुरू कराने के लिए एबीवीपी मांग रखेगी। शिक्षा के व्यापारीकरण का एबीवीपी विरोध करती है और इससे संबंधित सुझाव एबीवीपी नई शिक्षा नीति के लिए रखेगी।

शुक्ल ने बताया कि बैठक कुल चार सत्रों में चली, जिसमें एबीवीपी के अभियान सेल्फी विद कैंपस, सदस्यता अभियान, आगामी छात्र संघ चुनाव आदि सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक की नियंत्रक के रूप में नीलम बड़ाईक, क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन,प्रांत प्रमुख डा. श्रवण सिंह, डा.पंकज कुमार, डा.दीपनारायण जयसवाल, डा.रघुवर सिंह, उमेश सहाय, राजीव कुमार,कमलेश कमलेंदु, विनीता कुमारी,स्नेहा गुप्ता,दीपेश कुमार आदि सहित प्रदेश कार्यसमिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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