खूँटी। जिले के रेवा में बन रहे रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के आधा अधूरा निर्माण होने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा कार्य को बंद करा कर स्थान परिवर्तन करने से खूँटी जिले को चौतरफा हानि हुआ है।

खूंटी में पढ़ने वाले रक्षा विश्वविद्यालय का तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा एक सौ सात करोड़ की लागत से बनने वाले रक्षा विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के पश्चात् अभी वर्तमान में लगभग 35 करोड़ का खर्च हो चुका है। और कार्य चल ही रहा था कि काम को रुकवा दिया गया। और राँची के धुर्वा में स्थानांतरित किया जा रहा है।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री सह खूँटी सांसद अर्जुन मुंडा ने रक्षा विश्वविद्यालय का अर्द्धनिर्माण के बाद हेमन्त सरकार द्वारा स्थानांतरित किये जाने को लेकर सरकार की गलत नीति बतलाया। उन्होंने कहा कि किसी कार्य के पीछे विजन होता है। और विकास के विजन को आगे बढ़ाना चाहिए न कि उसे समाप्त करना। रक्षा विश्वविद्यालय खूँटी के लिए बहुत बड़ी एक संस्थान था। सरकार आती जाती रहेगी पर इस तरह विकास विकास के लिए कार्य करना चाहिए।

गाँव के मुखिया सुशील सांगा ने बताया कि विकास कार्यों के लिए रैयतों द्वारा जमीन नहीं मिल पाती है। वहीं रेवा इदरी में नॉलेज सीटी के लिए जमीन मुहैया कराये जाने के बाद ही रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के लिए कार्य प्रारम्भ हुआ। और आधा बन भी गया है। इसके बाद हेमन्त सरकार द्वारा स्थानांतरित किया जाना यह चौतरफा क्षति है। एक तो पैसा का नाश, उसके नाम पर सड़क निर्माण बेकार और पैसा पानी में बहाने के बराबर, विकास का बाधक और रोजगार और विकास में बाधक। ऐसा विचार करना ग़लत है।

जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि खूँटी का विकास के दृष्टिकोण से रक्षा विश्वविद्यालय नॉलेज सिटी का एक प्रमुख अंग बन रहा था। जहां एक तरफ लोग भूमि देने के लिए मना ही करते हैं। वहीं, खूंटी के लोगों द्वारा अपना जमीन भी विकास कार्यों के लिए मुहैया कराया गया है। बावजूद इसके विकास कार्यों को बंद कर विकास में अवरोध सा लाने से क्षेत्र में मायूसी है। इसके अलावे इस विकास कार्य में करोड़ों रुपए लग चुका है। इस रक्षा विश्वविद्यालय के नाम पर करोड़ों रुपए की लागत से अलग से लगभग 3 किलोमीटर तक पीसीसी पथ का भी निर्माण कराया गया है। एक तरफ सरकार का पैसा इसके बंद होने से बेकार में चला जाएगा। और इसकी क्षतिपूर्ति भी नहीं हो पाएगी। जहां भी बनेगा भवन वहां अलग से खर्च करना पड़ेगा।
इस पर राज्य सरकार की नीति और उदासीनता पर चारों तरफ सवाल खड़ा हो रहा है। कि आखिर खूँटी के विकास कार्य में बाधक और और अवरुद्धता क्यों करना चा रही है। और इस तरह स्थान परिवर्तन कर सरकारी खजानों से फालतू खर्च क्यों किया जा रहा है।वार्ड पार्षद अजीत कश्यप ने कहा कि रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के स्थानांतरण करने से खूँटी और बिरहू के लोगों में रोष है। ऐसी उम्मीद हेमन्त सोरेन से नहीं थी। इसके अलावे जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज, जितेन्द्र कश्यप, महावीर राम सहित सहित क्षेत्र के ग्रामीणों ने भी इसपर दुख व्यक्त किया है।

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