रांची। झारखंड के 16 से ज्यादा जिले आज भी नक्सली आतंक की चपेट में हैं। लेकिन झारखंड पुलिस का दावा है कि राज्य में पिछले एक वर्षों में नक्सली गतिविधियों में काफी हद तक लगाम लगाने में कामयाबी मिली है। नक्सली ईनाम और बढ़ते सुरक्षाबलों के दबाव के कारण काफी बड़ी संख्या में हथियार डाल रहे हैं, जिसके कारण नक्सली संगठन धीरे-धीरे ही सही, लेकिन अब घुटने टेकने पर मजबूर हो रहा है।

राज्य में सक्रिय नक्सली और उग्रवादी संगठनों के खिलाफ लगातार पुलिस और सुरक्षाबल अभियान चला रही हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान झारखंड के 24 इनामी नक्सली कम हुए हैं। राज्य के अलग-अलग जिले में इस दौरान छह नक्सली मारे गए है, नौ गिरफ्तार हुए और नौ ने सरेंडर किया। इनमें भाकपा माओवादी के नक्सली, टीपीसी और पीएलएफआई के उग्रवादी शामिल हैं। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि राज्य में अब सिर्फ 138 ईनामी नक्सली ही बचे हैं। छह इनामी नक्सली मारे गये हैं। नौ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि नौ नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने प्रशांत बोस सहित चार नक्सलियों पर एक करोड़ रूपया का इनाम घोषित किया है। जिन नक्सलियों के ऊपर एक करोड़ का इनाम घोषित किया गया है, इनमें भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमिटी मेंबर असीम मंडल और अनल दा उर्फ पतिराम मांझी शामिल है। इसके अलावा 135 अन्य नक्सलियों पर 25 लाख से लेकर एक लाख रूपया तक का इनाम घोषित है।

देश के 25 अति नक्सल प्रभावित जिलों में आठ झारखंड के जिले शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्र की एसआरआई स्किम के तहत नक्सल प्रभाव वाले जिलों की समीक्षा की थी। समीक्षा के दौरान गृह मंत्रालय ने पाया था कि पूर्व में देश भर के 90 जिले नक्सल प्रभावित थे। अब इन जिलों की संख्या घटकर 70 रह गयी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 70 में से 25 जिलों को अति माओवादी प्रभाव वाला माना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने माओवादी गतिविधियों के हिसाब से गढ़वा जिले को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा है। गढ़वा जिले के बुढ़ा पहाड़ में हाल के दिनों में माओवादी गतिविधि बढ़ी है। देश के 25 अति नक्सल प्रभावित जिले में आठ झारखंड के जिले शामिल हैं। झारखंड में नक्सल प्रभावित 16 जिलों में रांची, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सरायकेला- खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं। जबकि 8 अति नक्सल प्रभावित जिले में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला- खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं।

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