हजारीबाग। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के जोनल प्रवक्ता डॉ जमाल अहमद ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा द्वारा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे हुए उस पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा कि इस संकट के इस दौर मेंं कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा जनता को गुमराह कर झूठी दहशत पैदा करने की कोशिश की जा रही है। डॉ जमाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने पिछले सैकड़ों सालों से संकट की घड़ी में देश की सेवा में लाइफ लाइन साबित हुए हैं। कांग्रेसी नेताओं को नड्डा जी से जनसेवा के मामले में सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। नड्डा जी को यह पत्र दरअसल देश के

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी, गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को लिखना चाहिए था, क्योंकि कोरोना की इस दूसरी लहर की खबर देश के वैज्ञानिकों ने अगस्त 2020 में ही दे चुके थे। हमारे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने तो इस लड़ाई को लड़ने के लिए नेशनल पॉलिसी बनाने की मांग पिछले साल किए थे, लेकिन केंद्र की घमंडी मोदी सरकार इन सारी मुद्दे की बातों से कन्नी काटती रही। अप्रैल 2021 तक भाजपाई नेता अपनी राजनीति चमकाने और पार्टी के विस्तार के लिए चुनाव प्रचार करते रहे। इस बीच कोरोना के दिनों दिन भयावह होते रूप से ना जाने कितने लोग काल के गाल में समा गए। आज अपने देश में बढती इस महामारी की खबर से पूरी दुनिया सकते में है। आज भी लगातार हमारे यहां अस्पतालों में बिस्तर और ऑक्सीजन की कमी की वजह से जनहानि हो रही हैं। श्मशान और कब्रिस्तान की लंबी कतारों ने इस सच से परदा हटा दिया कि केंद्र की मोदी सरकार ने देश को सुनियोजित तरीके से रसातल में ढकेल दिया है। आज देश के 15 करोड़ नौजवानों की नौकरी जा चुकी है। वे भयंकर आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। देश के अन्नदाता किसान भाई अपनी जायज मांगों के समर्थन में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। महंगाई चरम सीमा पार कर चुकी है। अपना देश तो सदियों से दाता की श्रेणी में था, आज केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से पाता की श्रेणी में आकर खड़ा हो गया है। नड्डा साहब केन्द्रीय भाजपा सरकार को इन ढेर सारी विफलताओं का आईना दिखाते, तो कम से कम देश की उस जनता के लिए तो जवाबदेह होते, जिन्होंने उन लोगों पर भरोसा करके सत्ता सौंपी थी।

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