खूंटी। जिले के उग्रवाद प्रभावित अड़की थाना क्षेत्र के तिरला पीड़ीटोला गांव निवासी 51 वर्षीय मलगुवा मुंडा और उसकी पत्नी 47 वर्षीय बानो मुंडाईन की धारदार हथियार से हत्या कर दोनों शवों को गांव से लगभग चार किलोमीटर दूर हड़दलामा जंगल की खाई में फेंक दिया गया।

घटना पांच जनवरी की ही है, पर हत्यारों द्वारा धमकी दिये जाने के कारण मृतकों के परिजनों ने पुलिस को इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी। पांच दिनों के बाद सोमवार को अड़की थाना की पुलिस को इसकी जानकारी मिली। छानबीन के क्रम में सोमवार को देर शाम उक्त जंगल की खाई से दंपति का शव बरामद किया। मृतक की बहू के बयान पर थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पांच जनवरी की रात दंपती गांव के किनारे स्थित अपने झोपड़ीनुमा मकान में बहू रोशनी बोदरा तथा दो नाबालिग पुत्रियों रामी हस्सा पूर्ति व चांद हस्सा पूर्ति के साथ सोए हुए थे। देर रात कुछ अपराधी उसके घर आए और दंपति को घर से निकाल कर मारते-पीटते अपने साथ ले गए। मां-पिता की आवाज सुनकर जब उनकी दोनों बेटियां व बहू बाहर निकली, तो अपराधियों ने उनसे भाग जाने अथवा उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी। इस पर डर से तीनों बहू बेटी घर में ही दुबककर रह गई।

दूसरे दिन गुरुवार को गांव में होनेवाली साप्ताहिक ग्राम सभा की बैठक में उन्होंने इस घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी। इसके बाद ग्रामीणों ने अपने स्तर से लापता दंपति की खोजबीन शुरू की। 10 जनवरी को गांव से लगभग चार किलोमीटर दूर उक्त जंगल के खाई में दोनों की लाश पुलिस ने बरामद की। आशंका जताई जाती है कि डायन बिसाही के अंधविश्वास में संभवत: दोनों की हत्या कर दी गयी।

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