रांची/दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में रविवार को एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जातीय आधार पर जनगणना के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के माध्यम से जाति आधारित जनगणना कराए जाने की सिफारिश की।

ज्ञापन में कहा गया कि जाति आधारित जनगणना कराए जाने से देश के नीति निर्धारण में कई तरह के फायदे होंगे। इससे पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने में यह आंकड़े सहायक सिद्ध होंगे। नीति निर्माताओं को पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के निमित्त बेहतर नीति-निर्धारण एवं क्रियान्वयन में आंकड़े मदद करेंगे। साथ ही ये आंकड़े आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विषमताओं को भी उजागर करेंगे और लोकतांत्रिक तरीके से इनका समाधान निकाला जा सकेगा।

इसके अलावा संविधान की धारा-340 में भी आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करने के निमित्त आयोग बनाने का प्रावधान है। जातिगत जनगणना से संविधान के इस प्रावधान का भी अनुपालन सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही लक्ष्य आधारित योजनाओं में सुयोग्य लाभुकों को शामिल करने तथा नहीं करने में होने वाली त्रुटियों को कम करने में भी यह सहायक सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले इस शिष्टमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो, राष्ट्रीय जनता दल के सत्यानंद भोक्ता, गाले के विनोद कुमार सिंह, एनसीपी के कमलेश कुमार सिंह, सीपीआई के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, मासस के अरुण चटर्जी एवं सीपीआई (एम) सुरेश मुंडा शामिल थे।

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