देवघर। देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे हादसे में फंसे लोगों को निकालने के लिए तीसरे दिन मंगलवार सुबह छह बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन फिर शुरू हो गया है। एयरफोर्स के जवानों ने हेलिकॉप्टर से 2500 फीट ऊंचाई पर पहुंचकर रोप-वे की दो ट्रॉलियों में फंसे सात को निकाल लिया है। ऊंचाई होने की वजह से यह सबसे मुश्किल रेस्क्यू है। इससे पहले दो दिन में 40 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। अभी भी कुछ लोग फंसे हुए हैं, जिनको निकालने का प्रयास जारी है।

इस संबंध में देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि एयरफोर्स, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम ने सुबह से अब तक सात लोगों को एयर लिफ्ट कराया है।
जानकारी के अनुसार सोमवार को सेना, वायुसेना, आइटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। इसमें 33 लोगों को तीन हेलिकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था। जबकि तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इसी दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन के क्रम में सोमवार को एक हादसा हो गया। एक शख्स को ट्रॉली से निकालकर हेलीकॉप्टर के अंदर लिया जा रहा था। तभी शख्स का हाथ छूट गया और वो नीचे खाई में गिर गया। हेलीकॉप्टर से गिरे शख्स की मौत हो गई। अंधेरा होने के कारण सोमवार शाम छह बजे रेस्क्यू रोक दिया गया था, जिन लोगों को सुरक्षित निकाला गया है उन सभी को देवघर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अब तक इस ऑपरेशन में वायु सेना के तीन हेलिकॉप्टर को लगाया गया है। आला अधिकारी लगातार मौके पर कैंप कर रहे हैं। इस हादसे में बचाए गए कुछ लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं। कुछ घायलों को आइसीयू में भी रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि देवघर जिले के त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर स्थित रोप-वे के यूटीपी स्टेशन का रोलर रविवार को अचानक टूट गया। इसके बाद रोप-वे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में सात फीट नीचे लटक गयीं। सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी, जिसमें पांच लोग सवार थे। स्थानीय लोगों और रोप-वे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला। हादसे के दौरान ट्रॉलियों में 48 लोग फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित निकालने में भारतीय वायुसेना, एनडीआरएफ समेत अर्द्धसैनिक बलों की टीम सोमवार को दिन भर जुटी रही।

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