रांची। राज्य में बड़ी संख्या में प्राथमिक शिक्षक के खाली पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले को अदालत ने गंभीरता से लेते हुए इसकी विस्तृत सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। इस बीच अदालत ने सभी पक्षों से अपना-अपना पक्ष रखने को कहा है।

गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई। फिजिकल कोर्ट में कोविड-19 को लेकर दिए गए गाइडलाइंस के अनुपालन को लेकर इस मामले पर विस्तृत सुनवाई नहीं हो सकी।

हाईकोर्ट के अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए निर्देश जारी किया गया है कि कम संख्या में अदालत में अधिवक्ता उपस्थित होंगे। इस मामले में सैकड़ों अभ्यर्थियों की ओर से 90 याचिका दायर की गई है। सभी याचिका एक साथ सूचीबद्ध किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में अदालत में एक साथ अधिवक्ता उपस्थित होकर बहुत नहीं कर सकते। इसको देखते हुए अदालत ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की है।

लगभग 18 हजार प्राथमिक शिक्षक की नियुक्ति के लिए वर्ष 2015 में विज्ञापन निकाला गया था। नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक के पद रिक्त रह गए थे। उसके बाद रिक्त पदों को भरने के लिए कई याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि बड़ी संख्या में लगभग 7000 से ऊपर पद रिक्त हैं। इसलिए एक बार फिर से काउंसलिंग कर सभी रिक्त पदों को भर को भरने का आदेश दिया। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार ने काउंसलिंग किया। लेकिन सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हुई। उसी खाली पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर फिर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

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