रांची।  झारखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खबर है. सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार जल्‍द ही बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर सकती है. शिक्षकों की बहाली क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं में करने की योजना है.

दरअसल, प्रदेश सरकार ने राज्‍य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली जाने वाली नियुक्ति परीक्षा में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है. बताया जाता है कि सरकार ने स्‍कूलों में इन भाषाओं की पढ़ाई शुरू करने की योजना बनाई है. ऐसे में प्राथमिक से लेकर प्‍लस टू स्‍तर तक के स्‍कूलों में इन भाषाओं के लिए शिक्षकों की जरूरत पड़ेगी. अगर सबकुछ योजना के मुताबिक ही चला तो क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं के लिए शिक्षकों के पद सृजित किए जाएंगे.

भाषाई शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर योजना तैयार कर ली गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संबंधित स्‍कूल में किस भाषा को बोलने वाले कितने छात्र हैं, उस आधार पर संबंधित भाषा के लिए शिक्षक के पद सृजित किए जाएंगे. फिलहाल झारखंड के 510 प्लस टू स्‍कूलों में से एक में भी जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षक का पद नहीं है. स्कूल के साथ-साथ यूनिवर्सिटी स्‍तर पर भी ऐसे शिक्षकों के लिए पद सृजित किए जाने की तैयारी है.

गौरतलब है कि रांची विश्‍वविद्यालय के अधिकतर कॉलेजों में स्नातक स्तर पर क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की पढ़ाई होती है. इसके लिए इन महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद भी सृजित हैं. कॉलेज के साथ प्रोस्‍ट ग्रैजुएट विभाग में स्थाई शिक्षकों की कमी है. पीजी में जहां 9 जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई होती है, वहीं इसमें केवल दो भाषाओं में ही स्थाई शिक्षक हैं. बाकी में छात्रों को पढ़ाने के लिए कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर टीचर रखे गए हैं.

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