रांची। राज्य के पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली एक सप्ताह में तैयार हो जायेगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी.

राज्य के पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान के लिए पूरी तरह बिहार की नियमावली को लागू किया जायेगा. पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक बुधवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में हुई.

बैठक में पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने को लेकर पिछली बैठक में लिये गये निर्णय पर विचार किया गया. पारा शिक्षकों की मांग के अनुरूप बिहार की तर्ज पर नियमावली बनाने की सहमति दी गयी.

इसके तहत पारा शिक्षकों को सीमित आकलन परीक्षा देनी होगी. जो पारा शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास हैं, उन्हें परीक्षा नहीं देनी होगी. बैठक में मानदेय वृद्धि पर भी विचार किया गया, पर इस पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी.

तीन बार फेल होने पर सेवा समाप्त करने का प्रावधान 

बिहार की नियमावली लागू होने पर अगर कोई पारा शिक्षक तीन बार सीमित आकलन परीक्षा में असफल होते हैं, तो उनकी सेवा समाप्त की जा सकती है. झारखंड के पारा शिक्षक इस पर सहमत नहीं हैं. शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा में असफल होने पर भी उन्हें नहीं हटाया जाये. शिक्षा मंत्री की ओर से भी पारा शिक्षकों को यह आश्वासन दिया गया था कि जो शिक्षक परीक्षा में सफल नहीं होंगे उन्हें हटाया नहीं जायेगा, उन्हें वेतनमान नहीं मिलेगा. शिक्षक अपने मानदेय में कार्य करेंगे.

 

पहले होगा सत्यापन 

पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली लागू होने पर आकलन परीक्षा के पूर्व उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जायेगा. झारखंड में अब तक शत-प्रतिशत पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हुआ है. इसे लेकर विभाग द्वारा पूर्व में भी जिलों को निर्देश दिया गया था. बिहार की नियमावली में आरक्षण रोस्टर का भी पालन किया गया है.

 

पारा शिक्षकों को उपलब्ध कराया जायेगा ड्राफ्ट 

उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने पारा शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की. बैठक में पारा शिक्षकों को कमेटी की बैठक में लिये गये निर्णय से अवगत कराया गया. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के हृषिकेश पाठक ने बताया कि नियमावली का ड्राफ्ट पारा शिक्षकों को भी उपलब्ध कराया जायेगा. पारा शिक्षक नियामवली पर अपना सुझाव देंगे. बिहार की नियमावली में आवश्यकता होने पर आवश्यक बदलाव किया जायेगा.

 

किसी की सेवा समाप्त नहीं होगी

झारखंड एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से बताया गया है कि शिक्षा मंत्री की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि झारखंड में किसी भी पारा शिक्षक की नौकरी नहीं जायेगी. परीक्षा पास नहीं करने पर भी वे सेवा में बने रहेंगे.

 

नियमावली में यह हो सकता है प्रावधान

  • पारा शिक्षक 60 वर्ष तक नौकरी कर सकेंगे
  • 5200 से 20 हजार का वेतनमान मिलेगा
  • वेतनमान में प्रति वर्ष मानदेय में तीन फीसदी की बढ़ोतरी
  • सरकारी कर्मी के समान अवकाश
  • सीमित आकलन परीक्षा सौ अंकों की होगी
  • परीक्षा में सामान्य वर्ग को 45 फीसदी अंक, अन्य वर्ग को 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य
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