खूँटी (स्वदेश टुडे)। जिले के हरे कृष्ण प्रचार केंद्र के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन के भक्तों द्वारा रविवार को एक दिवसीय वाल्मीकि रामायण कथा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीरामचंद्र जी के प्रणाम मंत्र से वक्ता शुकामृत दास ने की। उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि लोगों में भगवान के प्रति लौकिक आस्था का भंडार दिख रहा है। लोग नवरात्र में दुर्गा-दुर्गा और नवरात्रि के बाद ला मुर्गा कहते हैं। विडंबना है कि जिस देश में ईश्वरीय शक्ति के साथ ऋषि—मुनियों ने अवतार लिया और कई ग्रंथों की रचना की, उसी देश के लोग ग्रंथ नहीं पढ़ रहे हैं। यह अनभिज्ञता की पराकाष्ठा है, जहां लोग झूठ के ही रावण दहन कर रहे हैं। रावण तो अभी भी जिंदा है जिसे दशानन कहते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, मन, बुद्धि, चित और अहंकार को वश में करना लोग रामायण से सीखें। युद्ध कांड की व्याख्या करते हुए प्रवचन कर्ता ने कहा भगवान के भक्त शत्रुओं पर कृपा और भय दोनों का संचार करते हैं, पर रावण यह बात समझ नहीं पाया। उसने अपनी धर्म पत्नी मंदोदरी, अपने भाई विभिषण, अपने नाना माल्यावन सभी की बातों को दरकिनार करते हुए सीता त्याग की वैकल्पिक व्यवस्था को नकारते हुए भगवान श्रीराम द्वारा 100 बार सिरि काटे जाने पर भी नहीं झुका। अंततः भगवान ने अधर्म पर धर्म की और अंधकार पर प्रकाश की विजय हासिल की। कार्यक्रम में जागरुकता के लिए लोगों के बीच रामायण पुस्तक बांटी गई। राम, लक्ष्मण, सीता, भक्त हनुमान का महाप्रसाद चावल सांभर, खीर, सलाद, फल पापड़ का वितरण किया गया।
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