रांची। पारस एचईसी हॉस्पिटल रांची का उद्घाटन सोमवार को हो गया। मुंबई, दिल्ली और कोलकाता की तरह ही राज्य के लोगों को अत्याधुनिक इलाज और सुविधाएं मिलेंगी। पारस हेल्थ केयर के एमडी डॉक्टर धर्मेंद्र नागर और ज्वाइंट एमडी डॉ गुरदीप नागर ने संयुक्त रूप से फीता काटकर उद्घाटन किया। हॉस्पिटल से 1 बेड का है लेकिन कुछ वर्षों में या 300 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल होगा इस

मौके पर पारस हेल्थ केयर के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ शंकर नारायण, बिजनेस स्ट्रेटजी डायरेक्टर डॉ कपिल गर्ग, रीजनल डायरेक्टर डॉ ललित हलीम, फैसिलिटी डायरेक्टर डॉक्टर अजय सिं,  वीपी मार्केटिंग पुनीत श्रीवास्तव तथा हॉस्पिटल के यूनिट हेड डॉक्टर नितेश कुमार मौजूद थे। हॉस्पिटल में उपलब्ध इलाज और सुविधाओं की जानकारी देते हुए यूनिट हेड डॉक्टर नितेश ने बताया कि अभी जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, शिशु रोग विभाग, स्त्री रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग, दंत रोग विभाग तथा फिजियोथेरेपी विभाग में इलाज उपलब्ध है। हॉस्पिटल में अभी उपलब्ध सुविधाओं के बारे में उन्होंने कहा कि 24 घंटे 7 दिन इमरजेंसी लाइव एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड दो ऑपरेशन थिएटर, 6 बेड का आईसीयू, चार से बेड का नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष, लेबर रूम और कई अन्य सुविधाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने बताया कि अभी 12 विशेषज्ञ डॉक्टर हमारे यहां उपलब्ध हैं। कुछ समय बाद इस संख्या में काफी इजाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि 5 किलोमीटर क्षेत्र में लोग अभी तत्काल इसका फायदा उठाएंगे क्योंकि इस क्षेत्र में कोई अस्पताल नहीं है। इस अस्पताल में एक छत के नीचे सारी सुविधा उपलब्ध हैं कहीं दूसरे जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

डॉ नितेश ने बताया कि पारस एचईसी हॉस्पिटल रांची के उद्धाटन के बाद पारस ग्रुप के अब आठ हॉस्पिटल विभिन्न राज्यों में उपलब्ध हैं। बिहार के पटना और दरभंगा, झारखंड के रांची, राजस्थान के उदयपुर, हरियाणाके पंचकूला और गुड़गांव में दो-दो हॉस्पिटल लोगों के इलाज और सेवा में लगे हैं। हॉस्पिटल के विस्तार की आगे रणनीति के बारे में कहा तीन साल की अवधि यहां नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, कैथ लैब कार्डियो थोरेसिक सर्जरी  कैंसर तथा किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधाएं भी अस्पताल में बहाल होंगी। कैंसर के इलाज के लिए लिनियर एक्सेलेटर, पेट सिटी जैसी मशीनें आ जाएंगी। इस अवधि में देश के कई दिग्गज डॉक्टर भी यहां उपलब्ध रहेंगे। झारखंड के लोगों को इलाज के लिए किसी अन्य राज्य में जाना नहीं पड़ेगा।

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