बरकट्ठा|  प्रखंड का एकमात्र अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बदहाल स्थिति में है। रोगियों का इलाज व्यवस्था से विश्वास और भरोसा टूटने लगा है। इसलिए एक महीना पहले के अपेक्षा रोगियों की संख्या में भारी कमी आई है।

लगभग करोड़ो की लागत से यह दो मंजिला अस्पताल भवन बनाया गया है। लेकिन यहां इलाज के लिए आने वाले अधिकांश रोगियों को रेफर का पुर्जा थमा दिया जाता है, यहाँ तक की सर्दी खांसी या हल्की फुल्की बुखार में भी मरीजों को रेफर किया जाता है|

कोरोना वायरस के संक्रमण के दूसरी लहर और प्रकोप बढ़ने के बाद भी अस्पताल में इंतज़ाम की बदहाली देख कोई इलाज़ कराना नही चाहता। अस्पताल के व्यवस्था का आलम यह है कि कोरोना जांच के करीब एक हज़ार आरटीपीसीआर रिपोर्ट विगत 25 दिनों से लबिंत है।

वही, स्थानीय विधायक ने साफ़ तौर से हिदायत दी है कि स्वास्थ्य सेवा में कोताही हरगिज़ बर्दास्त नही की जायेगी। इसके बावजूद कोरोना संक्रमित का ट्रैकिंग व टेस्टिंग नही होने से लोंगो में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।

इधर शुक्रवार को जिप सदस्य प्रतिनिधि और भाजपा नेता केदार साव ने भी अस्पताल का जायज़ा लिया। जहां उन्हे कहा कि अस्पताल का हाल बहाल है और सिर्फ एक डॉक्टर और दो एएनएम ही अस्पताल में मिले साथ ही अस्पताल में एक भी रोगी बेड पर नहीं है।

वही चिकित्सा प्रभारी से बातचीत पर उन्होंने बताया कि अब तक 73 कोरोना संक्रमित मरीज़ मिले है जिन्हें उचित परामर्श के बाद होम आईसोलेसन में रहने के लिए कहा गया है। वहीं अस्पताल में भी कोरोना मरीज़ों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाये गया है लेकिन बेड का काफी अभाव है। वहीं अस्पताल में 6 ऑक्सीजन सिलिंडर व कुछ दवाइयां मौजूद है और कोविड दवाईयों की घोर कमी है। साथ ही कई कर्मी कोरोना संक्रमित के वजह से होम आइसोलेशन में है।

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