Ranchi। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि संघीय ढांचे की मजबूती के लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्यों का सर्वांगीण विकास हो। केंद्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे को सहयोग करें, तभी विकास के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उसे हासिल किया जा सकता है।

हेमंत सोरेन बुधवार को नीति आयोग की टीम के साथ बैठक के दौरान बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में पुराने और लंबित विषयों पर चर्चा हुई है और उसका समाधान भी निकला।

इसके साथ कई नए मुद्दों को भी रखा गया, जिस पर नीति आयोग की ओर से सकारात्मक पहल करने का आश्वासन मिला। नीति आयोग के समक्ष राज्य सरकार के द्वारा जो भी मामले रखे गए हैं, वे केंद्र सरकार तक पहुंचेंगे और झारखंड के हित में नीति निर्धारित होगी, ऐसी उम्मीद है।

मुख्यमंत्री सोरेन के साथ नीति आयोग की हुई बैठक में कोयला मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, जनजातीय मंत्रालय और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

राज्य सरकार ने रखे ये मुद्दे मुख्यमंत्री ने कोयला मंत्रालय से जुड़े मामलों में कोल कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा और कोयले पर राज्य सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी से जुड़े मुद्दे को विशेष रूप से रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कोयला कंपनियों का जमीन अधिग्रहण को लेकर लगभग 80 हजार करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना है, लेकिन मात्र 2532 करोड़ रुपये राज्य सरकार और रैयतों को मुआवजा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल कंपनियां जो भी जमीन अधिग्रहित करती हैं, उसका मुआवजा मिलना चाहिए, भले ही उस पर खनन कार्य शुरू नहीं हुआ हो। इस पर कोयला मंत्रालय की ओर से पक्ष रखा गया।

वहीं, नीति आयोग के सहयोग से यह सहमति बनी कि कोल कंपनियां कितना जमीन अधिग्रहित कर चुकी हैं और कितना मुआवजा वितरित किया गया है, इसकी पूरी रिपोर्ट जल्द देगी। मुख्यमंत्री ने कोयला पर मिलने वाली रॉयल्टी बढ़ाने की मांग रखी और कहा कि राज्य सरकार को ज्यादा से ज्यादा कोल रॉयल्टी मिलनी चाहिए।

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