रांची। राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को न्यायिक हिरासत से मुक्ति मिल गई। चारा घोटाला से संबंधित डोरंडा कोषागर से निकासी मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव गुरुवार को जमानत पर जेल से रिहा हो जाएंगे। बुधवार को हाई कोर्ट से जमानत का आदेश सिविल कोर्ट को भेजा गया था।
लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने गुरुवार को बेल बॉन्ड भरा। दोपहर तक उन्हें जेल से जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने उन्हें 10 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। इसके बाद बेल बॉन्ड की प्रक्रिया पूरी की गई।
अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि रंजन कुमार और अंजल किशोर सिंह मामले में बेलर हैं। रिलीज ऑर्डर जारी हो चुका है। अब यहां से बिरसा मुंडा कारागार के लिए रिलीज ऑर्डर भेज दिया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि लालू प्रसाद यादव 42 महीने तक सजा काट चुके हैं और फिलहाल एम्स में इलाजरत हैं। लालू प्रसाद यादव एम्स से डिस्चार्ज होंगे या नहीं यह पूरी तरीके से एम्स के डॉक्टरों पर निर्भर करता है।
22 अप्रैल को हाई कोर्ट से मिल चुकी है जमानत
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले के पांच मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को 22 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। चारा घोटाला के डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर 22 अप्रैल झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। लालू प्रसाद यादव को आधी सजा पूरी करने के आधार पर जमानत दी गई है। लालू प्रसाद को नियम के अनुसार 30 महीने की सजा काटनी थी, जबकि वे 42 महीने की सजा काट चुके हैं। जमानत के लिए लालू प्रसाद को 10 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले में रांची के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के एक मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार देते हुए 25 फरवरी को पांच साल की सजा और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। लालू प्रसाद यादव का इलाज एम्स दिल्ली में चल रहा है। इससे पहले लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती थे। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें एम्स दिल्ली रेफर किया था।