घर से ड्यूटी पर निकलने की पल-पल की जानकारी अपहरणकर्त्ताओं को मिल रही थी
रांची। पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के पूर्वडीहा निवासी नेवी अधिकारी 27वर्षीय सूरज दूबे के चेन्नई एयरपोर्ट से अपहरण और फिर महाराष्ट्र के पालघार में जला देने की घटना के तार उसके जान-पहचान वाले और पलामू से ही जुड़े रहने की संभावना जतायी जा रही है।
नेवी अफसर सूरज दूबे की मौत से गांव-घर में जहां मातम का माहौल है, वहीं यह भी जांच का विषय है कि हवाई जहाज से चेन्नई एयरपोर्ट में उतरने के साथ ही उसके अपहरण में कहीं-कहीं उसके करीबी या जान-पहचान वालों की हाथ हो सकती है,क्योंकि चेन्नई जैसे भीड़ वाले एयरपोर्ट से हथियार के बल पर किसी का अपहरण कर लिया जाना आसान बात नहीं है। यह भी जांच का विषय है कि अपहरणकर्त्ताओं को कैसे जानकारी मिली कि सूरज घर से निकल कर 30 जनवरी की शाम को ही चेन्नई एयरपोर्ट पहुंच रहा है। ऐसे में उसके किसी न किसी जान-पहचान वालों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

ऐसी भी संभावना जताय जा रही है कि सूरज के मोबाइल नंबर से इस अपहरणकांड और हत्या मामले के कई राज खुल सकते है। महाराष्ट्र के पालघर में एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा तीन लोगों द्वारा सूरज को जलाते देखा और उसकी सूचना पर ही पुलिस ने उसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, चेन्नई से बड़े आराम से पालकर ले जाना भी आसान नहीं था, पुलिस इन सारे तथ्यों की जांच करेगी। वहीं अस्पताल में सूरज की ओर से यह बयान दिया गया कि उससे फिरौती के रूप में 10 लाख रुपये की मांग की गयी, जो वह देने में असमर्थ था, लेकिन परिजनों के पास फिरौती मांगे जाने की कोई जानकारी नहीं थी।
इधर, पलामू के सांसद बीडी राम ने भी केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर मामले की गहन जांच और दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है।

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