रामगढ़। रामगढ़ शहर का साईं हेल्थ केयर हॉस्पिटल कोरोना के नाम पर मरीजों को लूट रहा है। उसे लूट की छूट किस तरह दी गई है इसका पता जिले के स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि 5 से 6 दिनों में ही यहां मरीजों से 60,000 से लेकर दो लाख तक वसूले जा रहे हैं। यहां तक की उन मरीजों को इस बात का भी पता नहीं चल रहा है कि उनका कितना बार ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। उनके बिल में जांच रिपोर्ट जोड़ दिया जा रहा है।
सोमवार को जब कुछ मरीजों ने अस्पताल के खिलाफ आवाज उठाई तो जिले का स्वास्थ्य विभाग भी भौचक्का रह गया। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि साईं हेल्थ केयर अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों का भी इलाज हो रहा है इसका पता किसी को नहीं था।

सवाल पूछने पर उखड़ गया अस्पताल प्रबंधन
पूरे मामले में जब अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रदीप कुमार से सवाल किए गए तो वे उखड़ गए। उन्होंने सीधे तौर पर डीसी ऑफिस का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हमारा अस्पताल डीसी ऑफिस के आदेश पर काम कर रहा है। वह प्रतिदिन डीसी ऑफिस को ही अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हैं। इसके अलावा वे किसी और को इसकी जानकारी नहीं दे सकते। उनसे जब डॉक्टर मिथिलेश कुमार से बात कराने को कहा गया, तो उन्होंने साफ मना कर दिया।

दो मरीजों ने लगाया अस्पताल प्रबंधन पर ज्यादा बिल लेने का आरोप
साईं हेल्थ केयर में भर्ती रामगढ़ के दो मरीजों ने ज्यादा बिल लेने का आरोप लगाया है। 72 वर्षीय द्वारिका नाथ और 40 वर्षीय संदीप कुमार ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भर्ती कर आते वक्त उनसे कहा गया था कि बेहद कम पैसे में यहां इलाज हो जाएगा। लेकिन जब बिल थमाया गया तो उनके होश फाख्ता हो गए। संदीप ने बताया कि उनसे लगभग ₹58000 रुपए लिए गए हैं। जबकि उन्हें पहले यह बताया गया था कि 10 से 15 हजार में उनका यहां इलाज हो जाएगा। द्वारिका नाथ ने बताया कि वह लगभग 11 दिन इस अस्पताल में रहे थे। उनसे 1 लाख 95000 का बिल वसूला गया है, जो कि उनके समझ से परे है। इस बिल के लिए उनके परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच तू तू मैं मैं भी हुई थी।

होप हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ मिथिलेश पर उठ रहे कई सवाल
साईं हेल्थ केयर हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज डॉक्टर मिथिलेश कुमार के द्वारा किया जाता है। डॉ मिथिलेश जिले के बड़े अस्पतालों में शामिल द होप में भी मरीजों को देखते हैं। साईं हेल्थ केयर में हर मरीज पर वह ₹2000 का चार्ज प्रतिदिन जोड़ते हैं। साईं हेल्थ केयर प्रबंधन के अनुसार डॉक्टर जितनी दवाइयां लिखते हैं और जितनी बार जांच करने को बोलते हैं उतनी बार किया जाता है। लेकिन डॉ मिथिलेश कि इस गतिविधि का पता जिले के स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रामगढ़ जिले में जितने अस्पतालों को कोविड-19 हास्पिटल के रूप में चयनित किया गया है उसकी सूची जारी की गई है। लेकिन उस सूची में साईं हेल्थ केयर का नाम नहीं है। उस अस्पताल में कोरोना के मरीजों का इलाज कैसे हो रहा है? यह सबसे बड़ा सवाल है। स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के आंकड़े से भी पूरी तरीके से अनभिज्ञ है।

प्रशासन के नाक के नीचे लुट रहे मरीज
इस पूरे प्रकरण में जिला के नोडल पदाधिकारी डॉ ठाकुर मृत्युंजय सिंह ने बताया कि साईं हेल्थ केयर अस्पताल की गतिविधि पूरी तरीके से संदिग्ध है। वह अस्पताल ना तो अपने यहां इलाज रत कोरोना के मरीजों का आंकड़ा ही उपलब्ध कराता है और ना ही वहां होने वाली मौतों की जानकारी जिला प्रशासन के पास है। उस अस्पताल में होने वाली कई गतिविधियां भी संदिग्ध है।

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