रांची। झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा और रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग ने नोटिस भेजा है।

मामला पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार पर लगे दुष्कर्म के आरोप से जुड़ा है। इस मामले में डीजीपी और एसएसपी से पांच दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गयी है। आयोग ने रिपोर्ट में नाबालिग को सीडब्लयूसी के भेजे जाने के कारण की जानकारी भी मांगी है। आयोग ने कहा है कि ससमय रिपोर्ट नहीं देने पर सशरीर उपस्थिति करवा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी के यहां बच्ची रहती थी। सुनील तिवारी पर यौन शोषण के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही बच्ची सीडब्ल्यूसी के पास है और उसके परिजन लापता हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी पर लगे दुष्कर्म के आरोप मामले में चेता बेदिया की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। सोमवार को इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए अदालत से विशेष आग्रह किया गया। इस पर जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने उनके आग्रह पर विचार करने का आश्वासन दिया है। चेता बेदिया ने अपने परिजनों को पुलिस द्वारा उठाकर ले जाने के खिलाफ याचिका दाखिल कर सभी लोगों को कोर्ट के समक्ष पेश करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि इस मामले में आरोप लगाने वाली लड़की के परिवार के लोग गायब हैं। यह सभी रांची के रहने वाले हैं।

बाबूलाल मरांडी के सहयोगी सुनिल तिवारी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग और उनके परिजन अनगड़ा इलाके के अपने गांव से लातपा हैं। बताया जाता है कि नाबालिग और उसके माता-पिता 17 अगस्त से अपने घर में नहीं हैं। वे कहीं छुप गये हैं या फिर अपहरण हो गया है किसी को कुछ नहीं पता। ग्रामीण इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। साथ ही मामले में पुलिस पदाधिकारी भी कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं।

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