खूँटी (स्वदेश टुडे)। श्रावण माह के पहले सोमवार को बाबा आम्रेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की इस बार भी कुछ खास भीड़ नहीं रही। लोग सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर में पूजा अर्चना नहीं कर पाए।

दरअसल, आज बाबा आम्रेश्वर धाम में एसडीओ के जारी निर्देश पर पूजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। परिसर की भी पूरी तरह ब्रेकेटिंग कर देने के कारण श्रद्धालु परिसर के बाहर पेड़ के नीचे ही पूजा कर वापस अपने घर को लौट गए।

श्रद्धालु मुख्य सड़क से प्रांगण के अंदर भी प्रवेश नहीं कर सकते हैं। आस्थावान श्रद्धालु निराश होकर बिना दर्शन और पूजन किए ही वापस लौट रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं में असंतुष्टता आ रही है।

बाबा आम्रेश्वर धाम में उपस्थित मजिस्ट्रेट ने बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक केवल श्रद्धालुओं को पूजा में प्रतिबंध है पर लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से बैरिकेडिंग लगाया गया है।

एसडीओ के दिशा-निर्देश से बैरिकेडिंग लगाए जाने पर लोगों में नाराजगी दिखाई दी।

गाइडलाइन में केवल सार्वजनिक पूजा पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन अंगराबाड़ी में बैरिकेडिंग सील करने पर एक सवाल आ रहा है कि ये किस गाइडलाइन के तहत एसडीओ ने ऐसा करने का निर्देश जारी किया हैं।

हालांकि जारी निर्देश पर पूर्णत पालन करते हुए श्रद्धालू दिखे। पर झारखण्ड सरकार के द्वारा पूरे परिसर को बैरिकेडिंग कर सील करने की बात लिखे जाने की बात कहीं नहीं है। इसपर प्रबंधन समिति भी नाराज रही।

बाबा आम्रेश्वर धाम के लिए एसडीओ के निर्देश पत्र पर लिखा गया कि , श्रद्धालुओं द्वारा सार्वजनिक रुप में किसी भी प्रकार की गतिविधि करने पर रोक लगाया गया है।
जबकि राज्य सरकार के के द्वारा जारी किये आए गाइडलाइन में ब्रेकेटिंग करने का कहीं जिक्र नहीं किया गया है। उसमें साफ लिखा है कि सार्वजनिक रुप से पूजा करने में प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन एसडीओ द्वारा फरमान जारी किये जाने पर सवाल खड़ा हो गया है। कि आखिर कैसे किसी भी गतिविधि करने पर रोक लगाने का कैसे निर्देश दे दिए ।
इस बार भी एसडीओ द्वारा जारी निर्देश पर मंदिर परिसर ब्रेकेटिंग लगवाए जाने पर पुजारी, दुकानदार, भिक्षुक सभी की स्थिति खराब है। साथ ही, हिंदू आस्था पर भी सवाल उठने लगा है।

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