हजारीबाग। आज दिनांक 02 अगस्त 2021 को प्रातः 11ः00 बजे श्री रवि गाँधी, महानिरीक्षक ने हजारीबाग स्थित मेधावी फाउंडेशन, हजारीबाग द्वारा द्वारा प्रहरी कौशल विकास योजना के तहत चलाये जाने वाले रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण में 31 प्रतिभागियों को पांच कोर्सां/पाठयक्रमों के लिए शामिल करने के लिए विधिवत उद्धाटन किया। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल मेरू के श्री सुल्तान अहमद, उप महानिरीक्षक (प्रशासन) एवं श्री सी0डी अग्रवाल उप महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) अन्य अधिकारी व कार्मिक उपस्थित रहे। कुल 31 युवा/व्यक्ति प्रशिक्षुओं के तौर पर पांच अलग अलग कौशल विकास के कोर्सों/पाठयक्रमों में भाग ले रहे हैं जिनकी अवधि लगभग 400 धंटे है।

विदित रहे कि, देश में कुशल मानव शक्ति के निर्माण के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास योजना की शुरूआत भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में कीे गई थी। जिसके मूल उद्देेश्य युवाओं को व्यावसायिक, तकनीकी और उनके पसंदीदा कौशल विकास अनुरूप प्रशिक्षण उपलब्ध करवाना है।

इसी दिशा में महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल, मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा सीमा प्रहरी परिवार के युवाओं को स्वावलम्बी बनाने हेतु रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम से करार उपरांत प्रहरी कौशल विकास योजना को सी0सु0बल परिवार की सेवा में प्रारम्भ किया गया है। इसी क्रम में श्री रवि गाँधी, महानिरीक्षक की पहल पर टी0सी0एस0 मेेरू व मेधावी फाउंडेशन, हजारीबाग के मध्य करार किया गया है। जिसके तहत सीमा सुरक्षा बल के दिवंगत, सेवानिवृत व सीमा प्रहरी एवं उनके आश्रितों को सीमा सुरक्षा बल मेरू द्वारा प्रायोजित किया जाएगा, जिन्हे मेधावी फाउंडेशन, हजारीबाग अपने अधीन राष्ट्रीय कौशल विकास योजना के अन्तर्गत चलाये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षण देगी। प्रशिक्षण का सम्पूर्ण खर्च टी0सी0एस0 सीमा सुरक्षा बल मेरू के माध्यम से वहन किया जाएगा।

श्री रवि गाँधी, महानिरीक्षक ने अपने अभिभाषण में कहा की सीमा सुरक्षा बल अपने शहीदों, दिवंगत एवं सीमा प्रहरी प्ररिवारों को अपनी अमूल्य धरोहर की तरह संजोय रखने के साथ-साथ हमेशा अपने सामजिक दायित्व के निर्वाह में भी अग्रणी भुमिका निभाती रही है । हमारे दिवंगत कार्मिकों के आश्रित, सेवानिवृत कार्मिक, उनके आश्रित हमारे प्रहरी परिवार का अभिन्न अंग हैं। हम निरंतर उनके सर्म्पक में रहते हैं एवं उनके सुख-दुख में हमेशा भागीदार रहे हैं। आज का यह कदम न केवल उन्हे स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाएगा अपितु वह रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्य युवाओं के लिए भी रोजगार सृजन कर सकेंगें। हमारे इस प्रकार से आम नागरिक भी लाभान्वित होंगे। प्रहरी कोशल विकास योजना के तहत एक तरफ युवाओं को कार्यकुशल बनाया जा सकेगा वहीं दुसरी तरफ देश को और कुशल हाथ भी उपलब्ध होंगों।

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