शाहजहांपुर। विधि छात्रा के यौन शोषण प्रकरण में फंसे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद के समर्थन में बिग बॉस फेम स्वामी ओम रविवार को शाहजहांपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोपों को साजिश करार देते हुए कहा कि यह हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश है, जिसको वह सफल नहीं होने देंगे। इस दौरान उन्होंने पीड़ित छात्रा को सीआईए का एजेंट बताया।
बिग बॉस फेम स्वामी ओम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तेल-मालिश कराना कोई अपराध नहीं है। गली-गली में मसाज सेंटर खुले हुए है और वहां सब गलत काम होते है। पुलिस उन पर कोई कार्रवाई करती। ये दुष्कर्म का केस है और इस केस में तेल मालिश से कोई मतलब नहीं है। छात्रा से मालिश कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि छात्रा को अपहरण करके नहीं लाया गया था, ये तो उसे सोचना चाहिए था। वीडियो में छात्रा अपनी मर्जी से मसाज कर रही है। इससे साफ है कि छात्रा पाक साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि चिन्मयानन्द ने कोई गलती नहीं की है।
साधु संतों को बदनाम करने की साजिश
स्वामी ओम ने कहा कि सीआईए और आईएसआई द्वारा हिन्दू साधु-संतों को बदनाम कर देश को गुलाम बनाने की जो साजिश चल रही है वो उसको सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि यह केस खत्म होने वाला है। सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और यूपी सरकार को चिन्मयानन्द का केस खत्म करना होगा। क्योंकि इस मामले में कोई सबूत नही है। और फिर भी चिन्मयानन्द का इस मामले से बरी करने में देरी होती है तो वो चिन्मयानन्द के समर्थन में पूरे देश में आंदोलन करेंगे। यदि कोई उनको रोकने का प्रयास करेगा तो सशस्त्र विद्रोह छिड़ जाएगा।
गौरतलब है कि 23 अगस्त को शाहजहांपुर के विधि की छात्रा लापता हो गई थी। इसके एक दिन छात्रा ने डिग्री कॉलेज प्रबंधक स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी फेसबुक आईडी से एक वीडियो पोस्ट किया था। । जिसके बाद छात्रा के पिता ने चिन्मयानंद पर उनकी बेटी का शोषण का करने का आरोप लगाया था। 27 अगस्त को लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया था। 30 अगस्त को पुलिस ने राजस्थान से लॉ स्टूडेंट को बरामद किया और और बाद में उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने छात्रा की शिकायतों के आधार पर यूपी सरकार को एसआईटी का गठन करने का आदेश दिया। जिसके बाद मामले की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है ।