विपरीत परिस्थितियों में भी अपने शौक को जिन्दा रख उसे एक नया आयाम देने में जुटा रामलगन अब गुमनामी के अंधेरे में कैद नहीं रहा। विश्व माया चैरिटेबल ट्रस्ट एवं दो घुमक्कड़ के संयुक्त सहयोग से दिव्यांग महादलित मजदूर रामलगन सदा के शिल्प और उनके जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘रामलगन’ का प्रीमियर मंगलवार की रात बखरी मध्य विद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया। प्रीमियर समारोह को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि राम-लखन ने अपनी शिल्प कला और मेहनत से यह साबित कर दिया है कि अगर इंसान ठान ले तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘रामलगन’ के निर्माण के लिए डॉ. रमण झा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों से ही समाज के वंचित और उपेक्षित प्रतिभाओं को आगे लाया जा सकता है। इस मौके पर भाजयुमो के क्षेत्रीय प्रभारी पार्षद नीरज नवीन, वरिष्ठ भाजपा नेता पार्षद सिधेश आर्य, सामाजिक कार्यकर्ता विकास वर्मा एवं हम के राष्ट्रीय महासचिव सुभाष सिंह समेत अन्य अतिथियों ने रामलगन को सम्मानित भी किया।
बता दें कि मूक-बधिर दिव्यांग रामलगन को मिट्टी और बेकार पड़े समानों की कलाकृति निर्माण का अद्भुत हुनर उपर वाले ने दिया है। रामभरोस सदा का पुत्र रामलगन ना तो बोल सकता है और ना ही सुन सकता है। लेकिन मानसिक और बौद्धिक दिव्यांगता के बाद भी रामलगन द्वारा मिट्टी से बनाई गई कलाकृतियों को देख कर हर कोई दंग रह जाता है। चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित उजान बाबा स्थान की प्राकृतिक छटा में अपनी रचनात्मक कला को मूर्त रूप देने में मशगुल रहता है। बगैर किसी प्रशिक्षण के रामलगन मिट्टी और बेकार फेंकी गई चीजों से जेसीबी, ट्रैक्टर, ट्रक, ट्रेन, बाइक, हल, जनरेटर समेत दर्जनों समान बड़े ही कुशलता से बनाता है।

गीली मिट्टी से बना कर तैयार की गई मूर्तियां इतनी जीवंत दिखती है कि अब बोल और चल पड़ेगी। ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने नौ मई को ‘बोल नहीं सकता लेकिन जीवंत दिखती है कलाकृति’ के द्वारा रामलगन की विलक्षण प्रतिभा को सामने लाया था। जिसके बाद देश भर में हेरिटेज तथा अनोखी बातों पर फोकस करने वाले दो घुमक्कड़ की नजर इस पर गई। उन्होंने बीएमसीटी से संपर्क किया और उसके कला की विलक्षण प्रतिभा को देख विश्वमाया चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ मिलकर दो घुमक्कड़ के नाम से चर्चित मनीष गार्गी ने आत्मानंद कश्यप के साथ मिलकर रामलगन की कलाकारी और बौद्धिक क्षमता पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग दो और तीन सितंबर को करने के बाद पूरी तरह से सजाया तथा विश्व दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर इसका प्रीमियर किया गया।

Show comments
Share.
Exit mobile version