नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक  में सिल्वर मेडल जीतने वाली एक महिला एथलीट ने उसे चंद रोज बाद नीलाम कर दिया. महिला ने जैवलिन थ्रो में इस मेडल को जीता था. हालांकि, उनका मेडल नीलाम  करने फैसला हैरान करने वाला जरूर है, लेकिन इसके पीछे की वजह दिल जीतने वाली है. आइए जानते हैं मामला..

 

 

जाहिर है ओलंपिक में मेडल जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है, लेकिन कुछ ही लोगों का ये सपना सच होता है. Tokyo Olympics 2020 में भी कई एथलीटों ने अपने इसी सपने को साकार किया. पोलैंड (Poland) की जैवलिन थ्रोअर मारिया आंद्रेजक  भी उनमें से एक हैं.

 

कैंसर से उबरकर 25 वर्षीय मारिया आंद्रेजक ने टोक्यो ओलंपिक के जैवलिन थ्रो इवेंट का सिल्वर मेडल अपने नाम किया. लेकिन कुछ ही दिनों के अंदर उन्होंने अपने इस पहले ओलंपिक मेडल (Olympic Medal) को नीलाम कर दिया.

 

मारिया ने एक बच्चे के इलाज की खातिर फंड जुटाने के लिए अपने ओलंपिक मेडल को ऑनलाइन नीलाम किया है. इससे उन्होंने बड़ी धनराशि जुटाई, जो पोलैंड के 8 महीने के बच्चे मिलोश्क मलीसा (Miłoszek Małysa) के इलाज में खर्च होगी.

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलोश्क को दिल की गंभीर बीमारी है और उसका इलाज अमेरिका के एक अस्पताल में हो सकता है. बताया गया कि बच्चे के इलाज के लिए करीब 2.86 करोड़ रुपये की जरूरत है. ऐसे में इसके लिए फंडरेजर चलाया जा रहा है.

 

जब इस बात की खबर मारिया को लगी तो उन्होंने बिना देर किये इस मुहिम को मदद करने का फैसला ले लिया. उन्होंने अपने Facebook पोस्ट पर लिखा कि वो इसके लिए अपनी ओर से मदद के तौर पर Olympic Medal नीलाम कर रही हैं.

 

उनके मेडल की ऑनलाइन करीब 92 लाख 85 हजार रुपये की बोली लगाई गई. मारिया ने बोली के साथ ही अपनी ओर से मेडल को दान कर दिया, जिससे करीब डेढ़ करोड़ रुपये जुटाए जा सके.

 

मारिया कहती हैं कि “मेडल केवल एक वस्तु है, लेकिन यह दूसरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. इस सिल्वर को एक कोठरी में जमा करने के बजाय इससे किसी की जान बचाई जा सकती है. इसलिए मैंने बीमार बच्चे की मदद के लिए इसे नीलाम करने का फैसला किया.” खास बात यह है कि रकम जुटाने के बाद बोली जीतने वाली कंपनी ने मारिया को उनका ओलंपिक मेडल वापस लौटा दिया.

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