रांची। पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी गोपाल भेंगरा (75 ) नहीं रहे। लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे और गुरु नानक अस्पताल में इलाजरत भेंगरा ने सोमवार को आखिरी सांस ली। गोपाल भेंगरा ने विश्व कप सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। शाम को उनके पैतृक गांव तोरपा प्रखंड के उयुर गांव में अंतिम संस्कार होगा। उन्होंने चौथे विश्व कप (1978) में भारतीय टीम की ओर से अपना हुनर दिखाया था। उनके निधन पर खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है। विभिन्न खेल संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों, खेल प्रेमियों ने दुख जताया है।

 

बताया जाता है कि 1978 के विश्व कप हॉकी में गोपाल भारतीय टीम का हिस्सा होने के साथ ही वे उस दौरान भारतीय सेना में भी थे। इस टूर्नामेंट में वे अर्जेंटीना और पाकिस्तान के खिलाफ खेले थे। उनका चयन ओलंपिक के लिये भी हुआ था पर उसमें वे शामिल नहीं हो सके थे। 1979 में आर्मी से वापस आने के बाद से वे मोहन बागान की ओर से हॉकी खेलते रहे। 1986 में गांव लौट आये थे। इसके बाद से वे खूंटी के तोरपा ब्लॉक स्थित उदुर गांव में परिजनों के साथ रहते थे। चार अगस्त की सुबह अपने घर में वे बिस्तर से नीच गिर गये थे। इसके बाद बेहोश होने पर उन्हें गुरुनानक अस्पताल, रांची में आइसीयू में एडमिट कराया गया था। इस दौरान उनके साथ उनके छोटे बेटे अर्जुन भेंगरा भी थे। अर्जुन के मुताबिक उनके पिता का इलाज डॉक्टर विजय राज कर रहे थे। डॉक्टरों के मुताबिक गोपाल का ब्रेन हेमरेज हुआ था। एक किडनी खराब होने की भी जानकारी दी गयी थी।

अर्जुन के मुताबिक उनके पास पिता के इलाज के लिये पैसों की कमी थी। 40 हजार रुपये लेकर वे अस्पताल आये थे। अस्पताल में 20 हजार जमा कराया था। बाकी दवा वगैरह में खर्च हो गये। उनके पिता को इधर उधर से कुछ पैसे मिलते थे, जिससे घर का खर्च चलता था।

 

सुनील गावस्कर कर रहे थे आर्थिक मदद

गौरतलब है कि तीन साल पहले मशहूर क्रिकेटर सुनील गावस्कर रांची आये थे। इसी दौरान गोपाल से उनकी भेंट हुई थी। इसके बाद गावस्कर की संस्था की ओर से हर महीने गोपाल को 15 हजार रुपये भेजे जाते थे।हालांकि पिछले दिनों रांची जिला खेल पदाधिकारी उपवन बाड़ा ने गोपाल से अस्पताल में भेंट कर उनके लिये जरूरी पहल करने का प्रयास किया था।

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