नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम में कुछ समय से काफी उथल-पुथल चल रही है. पहले वर्कलोड के चक्कर में विराट कोहली ने टी20 की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया. फिर बीसीसीआई ने एक्शन लेते हुए वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया. बोर्ड ने कहा कि कोहली को 48 घंटे का समय दिया था, जबकि विराट ने इससे मना कर दिया. इन सभी के बीच बयानबाजी के चलते कोहली और बीसीसीआई के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.

 

यह पूरा मामला 1974 इंग्लैंड दौरे का था

दरअसल, यह बात 1974 की है, जब टीम इंडिया को इंग्लैंड दौरा करना था. तब भारतीय टीम की कमान अजीत वाडेकर के हाथों में थी, जो इससे पहले लगातार तीन सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बनने की उपलब्धि हासिल कर चुके थे. वाडेकर की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती थी, लेकिन 1974 का इंग्लैंड दौरा वाडेकर पर भारी पड़ गया.

इंग्लैंड ने अपने ही घर में भारतीय टीम का 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया था, जबकि टीम इंडिया में उस समय कप्तान वाडेकर के अलावा सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, भगवत चंद्रशेखर, एस. वेंकटराघवन जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे. साथ ही इस सीरीज से पहले टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को उसकी धरती पर 1970-71 में 1-0 (5) से, इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर 1971 में 1-0 (3) से और भारत दौरे पर इंग्लैंड को 1972-73 में 2-1(5) से हराया था.

शर्मनाक प्रदर्शन… जब 42 रनों पर सिमट गई थी टीम 

इसी इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम का एक मैच में शर्मनाक प्रदर्शन भी रहा था. टीम इंडिया एक पारी में महज 42 रनों पर सिमट गई थी, जो उसका टेस्ट की एक पारी में उस समय सबसे कम स्कोर था. यह रिकॉर्ड 46 साल तक दर्ज रहा. अब भारतीय टीम के नाम सबसे कम 36 रन के स्कोर का अपना अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. यह स्कोर टीम ने दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडलेड टेस्ट की दूसरी पारी में बनाया था.

भारत लौटने के बाद क्रिकेट से ही संन्यास ले लिया

इधर, भारत में अजीत वाडेकर की जमकर आलोचना होने लगी. फैंस उनसे नाराज हो गए और उनके घर पर पत्थरबाजी तक कर दी. टीम में भी सीनियर प्लेयर्स और कप्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. इसी बीच वाडेकर को वेस्ट जोन की कप्तानी से भी हटा दिया गया. भारत लौटने के बाद कप्तानी से हटाए जाने की बात पता चलते ही वाडेकर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.

कोहली के साथ भी कुछ ऐसा ही…

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया ने एक पारी में अपने टेस्ट इतिहास का सबसे 36 रन का स्कोर बनाया. इस टेस्ट कोहली ही कप्तान थे. इस प्रदर्शन के बाद कोहली की कप्तानी और उनके प्रदर्शन की भी जमकर आलोचना हुई.

टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से बुरी तरह हारे. इस मुकाबले में कोहली की कप्तानी की आलोचना हुई थी कि उन्होंने सही प्लेइंग-11 नहीं उतारी. एक एक्स्ट्रा स्पिनर को टीम में खिलाया था. खुद भी प्रदर्शन नहीं कर सके.

टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी से पहली बार हारी. इस बार भी कप्तान कोहली ही थे. भारतीय टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी थी.

खुद कोहली का प्रदर्शन भी पिछले 2 साल से ठीक नहीं रहा. नवंबर 2019 के बाद से कोहली इंटरनेशनल क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी-20) में शतक नहीं लगा सके.

सबसे बड़ी बात तो यह भी है कि कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया अब तक कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकी.

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