नई दिल्ली। आप चिड़ियाघर में घूम रहे हों और अचानक से किसी बच्चे की जोर-जोर से रोने की आवाज आने लगे तो आप आसपास देखना शुरु कर देंगे. लेकिन आपको कोई भी बच्चा रोता हुआ नहीं दिखेगा. असल में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक ऐसा पक्षी है जो हूबहू इंसानी बच्चे की चीख-पुकार की तरह आवाजें निकालता है. पक्षी विज्ञानी इसे बहुत नकलची चिड़िया मानते हैं. यह इंसानी आवाजों की नकल करता है.

 

 

 

सिडनी स्थित तारोंगा जू (Taronga Zoo) में मौजूद इस पक्षी का नाम है ईको (Echo). यह इसका बुलाने वाला नाम है. जबकि इसे लायरबर्ड (Lyrebird) कहते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम मेनुरा नोवेहोलांडे (Menura novaehollandiae) है. भूरे रंग की लंबी पूंछ वाला यह पक्षी में एक खासियत होती है कि यह इंसानी बच्चों की आवाजों की नकल कर लेता है. जैसे हमारे परिवार में रहते-रहते तोते बातचीत करने लगते हैं.

 

 

 

तारोंगा चिड़ियाघर ने हाल ही में ट्विटर पर ईको का वीडियो डाला, जिसमें यह बच्चे की तरह रो रहा है. यह आवाज सुनकर कोई कह ही नहीं सकता कि यह पक्षी इस तरह की हरकत भी कर सकता है. आपको यह लगेगा कि कोई इंसान का बच्चा जोर-जोर से रो रहा है. इसकी पूंछ एक वाद्य यंत्र लायर की तरह दिखता है. यह वाद्य यंत्र U आकार का होता है, इसे प्राचीन ग्रीस में बजाया जाता था. इसलिए इसका नाम लायरबर्ड रखा गया है.

 

 

ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम के अनुसार लायरबर्ड मिमिक्री यानी आवाजों की नकल करने में एक्सपर्ट पक्षी होता है. इनके आसपास से आने वाली किसी भी तरह की आवाज की नकल करने में सक्षम होते हैं. यहां तक कि ये लकड़ी काटने वाली आरा मशीन, कार के इंजन, अलग-अलग जानवरों की आवाजें, कुत्तों को भौंकने की आवाजें और अन्य पक्षियों के आवाज की नकल भी कर लेता है.

 

 

 

तारोंगा चिड़ियाघर के यूनिट सुपरवाइजर लिएन गोलेबायोव्सकी ने कहा कि ईको (Echo) सात साल का है. ये पावर ड्रिल, फायर अलार्म और चिड़ियाघर में इमरजेंसी में बाहर निकलने की घोषणा की आवाज भी निकाल देता है. कई बार तो ये लोगों को देखते ही कहता है इवैक्यूएट नाऊ यानी तुरंत खाली करो. चिड़ियाघर में मौजूद इसकी देखरेख करने वाली कर्मचारी कहते हैं कि इसने ये सारी आवाजें निकालना लॉकडाउन के समय शुरु किया है.

 

 

 

चिड़ियाघर के कर्मचारियों को इसकी आवाजें निकालने की वजह नहीं पता. लेकिन कभी-कभी चिड़ियाघर के कर्मचारी इसकी आवाजों से घबरा जाते हैं. नेशनल ऑउडुबॉन सोसाइटी के मुताबिक जब नर लायरबर्ड को संबंध बनाना होता है, तब ये जोर-जोर से अलग-अलग तरह की आवाजें निकालने लगता है. प्रजनन के समय में लायरबर्ड जून से अगस्त के बीच दिनभर में चार-चार घंटे गाता रहता है.

 

लायरबर्ड की अपनी कोई आवाज नहीं होती. ये हमेशा नकल की गई आवाजों से ही मादा को अपनी ओर बुलाता है. लेकिन कई बार ये ऐसी आवाजें निकालता है, जिससे इसके आसपास मौजूद इंसान डर जाते हैं. प्रसिद्ध प्रकृतिविद डेविड एटनबरो ने 1998 की सीरीज ‘द लाइफ ऑफ बर्ड्स’ ने ऐसे ही एक लायरबर्ड पर फिल्म बनाई थी, जिसमें वह कैमरा के क्लिक होने की आवाज निकाल रहा था. इसके अलावा कार के अलार्म और आरा मशीन की आवाज निकाल रहा था.

 

 

लायरबर्ड (Lyrebird) की आवाज नकल करने की विलक्षण प्रतिभा उसे अन्य पक्षियों से एकदम अलग बनाती है. साथ ही उसे धोखेबाज पक्षी भी कहा जाता है. हाल ही में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि अगर इस पक्षी को किसी तरह का खतरा हो तो ये समूहों में रहने वाले पक्षियों की आवाजें निकालकर यह दर्शाता है कि इसके आसपास कई पक्षी हैं.

 

 

ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोनगॉन्ग की शोधकर्ता अनस्तासिया डैलजील ने कहा कि नर लायरबर्ड (Lyrebird) ध्वनियों का ऑक्रेस्ट्रा है. ये मादा को बुलाने के लिए ऐसी आवाजें निकालता है. या फिर जब मादा इसे छोड़कर चली जाती है, तब दुख में ऐसी आवाजें निकालता है. ये ऐसा इसलिए करता है कि ताकि मादा लायरबर्ड को यह लगे कि बाहर खतरा है, इसलिए वह इसके पास ही रुके.

 

 

मादा लायरबर्ड (Lyrebird) के पास भी यह काबिलियत होती है कि वो आवाजों की नकल कर सके लेकिन वो ये काम तब करती है, जब वह असुरक्षित महसूस करती है. इससे उसका शिकार करने वाला जीव घबरा जाता है और भाग जाता है. या फिर कन्फ्यूज हो जाता है कि मैं जिस पक्षी की तरफ जा रहा हूं…वहां से दूसरे जीवों की आवाजें कैसे आ रही हैं.

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