ढाका: बांग्लादेश में लगातार कट्टरपंथी हमले झेल रहे अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से मिलकर सुरक्षा की मांग की है। 32 संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने राजधानी ढाका में पहले विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रधानमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपा। इसमें बांग्लादेश को धर्मनिरपेक्ष देश घोषित करने की भी मांग की गई है। ज्ञापन बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्य परिषद के बैनर तले दिया गया है। परिषद के महासचिव एवं धार्मिक जातीय एकता मोर्चा के संयोजक एडवोकेट राणा दासगुप्ता के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में लिखा है कि 15 अगस्त 1975 को राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीर्बुरहमान की हत्या कर मुक्ति संग्राम विरोधी शक्ति लगातार 21 वर्षों तक सत्ता में रही और संविधान का साम्प्रदायिकीकरण किया। बंगबंधु के आदर्शों के विपरीत धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदायों को विभिन्न प्रकार के भेदभाव, यातना और उत्पीड़न झेलना पड़ा है। ज्ञापन में शेख हसीना की ओर से किए गए वादे को याद दिलाते हुए कहा है कि आपके द्वारा किए गए चुनावी वादों के पूरा होने को लेकर हम आशान्वित हैं।
इस ज्ञापन में लिखा है,
1. चुनाव से पहले अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम को लागू करना और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का गठन करना और भेदभाव उन्मूलन अधिनियम को लागू करना।
2. सौंपी गई संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम के त्वरित कार्यान्वयन। इसमें सौंपी गई संपत्ति न्यायाधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण की तत्काल स्थापना। इसके साथ ही प्राधिकरण द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर दिए गए निर्णयों और आदेशों को लागू करने के लिए जिला आयुक्त सहित संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
तहसील कार्यालय द्वारा वर्ष 2013 में निरस्त अनुसूचित ”बी” सम्पत्तियों का किराया वसूल करने से रोकने तथा नामजरी में एसी (भूमि) कार्यालय की अनावश्यक लापरवाही एवं भ्रष्टाचार को रोकने के निर्देश जारी होने चाहिए।
राष्ट्रीय स्तर पर और प्रत्येक जिले में, भूमि प्रशासन, सरकारी वकीलों, पीड़ितों के जनप्रतिनिधियों और पीड़ितों के वकीलों के प्रतिनिधियों से मिलकर एक निगरानी सेल का गठन किया जाना चाहिए ताकि संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी की जा सके।
3. पहाड़ी शांति संधि और पहाड़ी भूमि विवाद समाधान आयोग और मैदानी इलाकों के जातीय अल्पसंख्यकों (जैसे संताल, गारो, मुंडा, ओनराव, मणिपुरी आदि) की भूमि की सुरक्षा के लिए भूमि आयोग का उचित कार्यान्वयन हो। इसके लिए नेशनल एक्ट की धारा 97 का प्रभावी क्रियान्वयन जारी किया जाए।
4. तत्काल अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन किया जाए।
इससे पहले 24 मार्च 2022 को बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के नेतृत्व वाले धार्मिक जातीय अल्पसंख्यक ओइक्या मोर्चा की पहल से दो लाख लोगों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपा गया था जिसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के संकट को हल करने के लिए हसीना के चुनावी वादे को लागू करने की मांग की गई थी। ज्ञापन में लिखा है कि पिछले साल 22 अक्टूबर को इसी वादे की ओर ध्यानाकर्षण के लिए देशभर में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन हुए थे।